गणेश जन्मोत्सव की कथा सुन भावुक हुए श्रद्धालु, माता-पिता के सम्मान में बहे श्रद्धा के आँसू

मुजफ्फरनगर। रामलीला टीला पर चल रही श्री शिव महापुराण कथा के चतुर्थ दिवस पर कथा व्यास गंगोत्री तिवारी 'मृदुल महाराज' ने श्रद्धालुओं को गणेश जन्मोत्सव की कथा का भावपूर्ण श्रवण कराया। उन्होंने भगवान गणेश के जन्म से लेकर उनके माता-पिता के प्रति अटूट प्रेम का मार्मिक वर्णन किया। मृदुल महाराज ने कहा कि भगवान गणेश ने जब ब्रह्माण्ड की परिक्रमा करने की बजाय अपने माता-पिता गौरा-पार्वती की परिक्रमा की, तो यह सिद्ध कर दिया कि इस सृष्टि में माता-पिता से बढ़कर कोई तीर्थ नहीं। उन्होंने कहा कि जिनके माता-पिता प्रसन्न रहते हैं, उनसे स्वयं भगवान शंकर और माता पार्वती भी प्रसन्न होते हैं। कथा व्यास ने समाज की पीड़ाजनक सच्चाई पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कलियुग में एक मां चार बच्चों को पाल लेती है, लेकिन चार संतानें मिलकर एक मां की सेवा नहीं कर पातीं। ऐसी अवस्था में माता-पिता दर-दर की ठोकर खाने को विवश हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि घर में माता-पिता दुखी हैं तो पूजा-पाठ, दान-पुण्य सब व्यर्थ है। जब मृदुल जी ने माता-पिता के सम्मान में भजन प्रस्तुत किए, तो समूचा वातावरण भावविभोर हो उठा। श्रद्धालुओं की आंखें भर आईं और पूरा पंडाल भक्ति और करुणा से सराबोर हो गया। इस अवसर पर रामबीर ने सपरिवार व्यास पीठ का पूजन किया। कार्यक्रम में राजाराम शर्मा, मांगेराम कश्यप, सुमन बंसल, ललित शर्मा, राकेश शर्मा, हेमराज कश्यप, छेदी लाल पांडेय, रमेश मिश्रा, नमन तिवारी, चांदनी वर्मा और कविता वर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहें।