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बारिश के बीच भाकियू का हल्ला बोल

बकाया गन्ना भुगतान को लेकर किया थानों का घेराव, भुगतान से पहले मांगा ब्याज का हिसाब, पशुओं को लेकर थानों में पहुंचे किसानों ने जताया रोष

बारिश के बीच भाकियू का हल्ला बोल
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मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जनपद में भारी बारिश के बीच ही बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर आंदोलन करते हुए थानों पर हल्ला बोल प्रदर्शन किया। बारिश के कारण यूनियन कार्यकर्ता थानों के बरामदे मेें धरने पर डटे नजर आये। इस दौरान शुगर मिल और गन्ना विभाग के अधिकारी किसानों के बीच समझौता वार्ता के लिए मौजूद रहे, लेकिन भाकियू ने भुगतान से पहले ब्याज मांगा।

सोमवार को बिगड़े मौसम के मिजाज के साथ ही किसानों का मूड भी खराब नजर आया। बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान और ब्याज की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत किसान और यूनियन कार्यकर्ताओं ने शुगर मिलों के थानों और पुलिस चैकियों का घेराव करते हुए रोष प्रकट किया। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने शामली जनपद में इस आंदोलन का नेतृत्व करते हुए थानाभावन कोतवाली परिसर में धरना की अध्यक्षता की तो वहीं मुजफ्फरनगर में भाकियू कार्यकर्ता थाना रामराज, भोपा, तितावी, मन्सूरपुर, खतौली और बुढ़ाना के साथ ही शहर कोतवाली की पुलिस चैकी रोहाना पर किसानों ने धरना दिया। यहां खतौली कोतवाली परिसर में धरने की अध्यक्षता भाकियू के मण्डल अध्यक्ष राजू अहलावत ने की तो जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान ने बुढ़ाना कोतवाली में सैंकड़ों किसानों के साथ डेरा जमा लिया। राजू अहलावत ने धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई हैं। किसानों को बकाया भुगतान के लिए सरकार बड़े दावे करती है, लेकिन हकीकत यह है कि शुगर मिलों से अपने ही वादे के अनुसार सरकार गन्ना किसानों को उनके भुगतान का ब्याज ही नहीं दिला पा रही है। अब भाकियू ने तय कर लिया है कि बकाया भुगतान से पहले शुगर मिलों को भुगतान का ब्याज किसानों को करना होगा। ब्याज लिये बिना किसान खामोश नहीं रहेगा। बुढ़ाना कोतवाली पर धरने को सम्बोधित कर रहे जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान ने कहा कि जनपद में पुलिस की भी धींगामुश्ती चल रही है। किसानों के साथ ही आम लोगों को भी परेशान किया जा रहा है। किसान आज आर्थिक संकट से गुजर रहा है और बकाया मुल्य नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब आरपार की लड़ाई लड़ी जायेगी। सभी थानों पर किसान अपने पशुओं को लेकर भी पहुंचे थे। पुलिस कर्मियों के सामने ही यूनियन कार्यकर्ताओं ने इन पशुओं को थाना परिसर में बांधा और धरने पर बैठ गये।

ये रही भाकियू की मांग...

1. उत्तर प्रदेश गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम 1953 की धारा 17(3) तथा शुगर केन कंट्रोल आर्डर 1996 की क्लाज 3 (3-ए) के प्रावधान के अनुसार गन्ना खरीद के उपरांत 14 दिन के अन्दर गन्ने के भुगतान न करने पर लम्बित अवधि के ब्याज सहित गन्ना किसानों का बकाया गन्ना भुगतान अविलम्ब कराया जाए। प्रत्येक गन्ना किसान की लेखा-जोखा हेतु गन्ना पासबुक जारी किए जाएं। गन्ना खरीद नीति में कोई बदलाव न किया जाए।

2. किसानों के सामान्य योजना के स्वीकृत नलकूप कनैक्शन का सामान दिये जाने हेतु अविलम्ब लक्ष्य जारी किया जाए। डार्क जोन में अनियमित रूप से चलाये जा रहे निजी नलकूप के संयोजन नियमितीकरण हेतु पुनः 3 माह का समय दिया जाए।

3. किसानों के निजी नलकूप के आवेदन सामान्य योजना की छूट के कारण नहीं मिल पा रहे हैं। सभी आवेदक किसानों को तुरंत कनेक्शन दिए जाएं। बिजली विभाग की गलती के कारण हजारों उपभोक्ता बिल संशोधन हेतु चक्कर लगाते रहते हैं। गलत बिल भेजने वालों पर कार्यवाही की जाए।

4. किसान सम्मान निधि का लाभ प्रदेश के 50 प्रतिशत किसानों को नहीं मिल पा रहा है। कार्यालयों के कई चक्कर लगाने के बावजूद भी किसानों को किस्त जारी नहीं की जा रही है। संशोधन हेतु समय सीमा तय करते हुए पात्र किसानों को लाभ दिया जाए व राज्य सरकार द्वारा भी इसमें अंशदान देते हुए इसे 12 हजार रूपये सालाना किया जाए।

5. भारत सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन व कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंक अध्यादेश व प्रस्तावित विद्युत संशोधन अधिनियम का राज्य सरकार द्वारा विरोध दर्ज कराया जाए। इन कानूनों से किसान को भारी नुकसान होगा। मण्डी के बाहर किसान के खेत को छोड़कर अन्य जगह हो रही खरीद पर भी मण्डी टैक्स लगाया जाए।

6. किसान ऋण मोचन योजना के अन्तर्गत पात्र लम्बित प्रार्थना पत्रों का निस्तारण कर किसानों की राशि जारी की जाए।

7. प्रदेश में चालान के नाम पर पुलिस द्वारा कोविड-19 से लेकर आज तक उत्पीड़न जारी है। पुलिस द्वारा अभद्रता व मारपीट आम हो चुकी है। इस उत्पीड़न से नागरिकों को राहत दिलायी जाए। थाने में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाए।

8. जनपद मुजफ्फरनगर में भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित सभी मामलों का निस्तारण कराया जाए। जनपद में डूडा द्वारा चयनित प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु पात्रों की पुनः जांच करायी जाए। पात्रता के नाम पर पैसा वसूलने पर कार्यवाही की जाए। डूडा द्वारा कराये जा रहे कार्य हेतु निविदाओं की भी जांच करायी जाए।

9. तहसीलों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाए।

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