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मशहूर शायर अशोक साहिल का निधन

मशहूर शायर अशोक साहिल का निधन
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मुजफ्फरनगर। जनपद के साथ ही देश और दुनिया में उर्दू अदब की महफिल की शान रहने वाले मशहूर शायर अशोक साहिल का निधन हो गया। उनके निधन के दुखद समाचार से हिन्दू और उर्दू साहित्य के लोगों में शोक का वातावरण बन गया। अशोक साहिल का अंतिम संस्कार शुक्रताल किया गया है। इस दौरान जनपद के कई शायर और कवि के साथ ही साहित्यकारों ने शोक संवेदना प्रकट की।

बता दें कि मुजफ्फरनगर के निवासी अशोक कृष्ण को उर्दू अदब की दुनिया के साथ ही कवियों और साहित्यकारों की महफिल में अशोक साहिल के नाम से पहचान मिली। उनका एक शेर 'नफस नफस में बिखरना कमाल होता है, नजर नजर में उतरना कमाल होता है। बुलन्दियों पर पहुँचना कोई कमाल नहीं, बुलंदियों पर ठहरना कमाल होता है। दुनिया भर में मशहूर हुआ। इसके साथ ही उनकी कई गजल, कितआ आदि काफी प्रसि( हुए। उनकी शायरी के कारण ही मुजफ्फरनगर जनपद को देश और दुनिया में एक नई पहचान मिली। अशोक साहिल ने कई मशहूर मुशायरों और कवि सम्मेलनों में अपने उर्दू अदब की महारथ के बल पर विशेष सम्मान पाया। उनको काबा और काशी को एक करने की उनकी शायरी आज भी धार्मिक आधार पर सामाजिक बंटवारे की सोच रखने वाले लोगों पर चोट करती है। अशोक साहिल काफी दिनों से बीमार चल रहे थे, परिजनों ने उनको दिल्ली के निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया था, वहां उनका निधन हो गया। उनके निधन का समाचार मिलने पर जनपद में शोक की लहर दिखाई दी। परिजनों ने अशोक साहिल का अंतिम संस्कार शुक्रताल गंगा घाट पर किया।

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