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मीनाक्षी स्वरूप की जीत की पहली सालगिरह, पालिका में बना रिकार्ड

पहली बार नगरपालिका परिषद् में खत्म हुई विपक्ष की राजनीति, सम्पूर्ण बोर्ड साल भर रहा साथ; पीएम मोदी की सबका साथ सबका विकास की नीति को पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी ने किया चरितार्थ, एक साल में शहर में 100 करोड़ का विकास

मीनाक्षी स्वरूप की जीत की पहली सालगिरह, पालिका में बना रिकार्ड
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मुजफ्फरनगर। नगरीय निकाय चुनाव में चेयरमैन और सभासदों की जीत की पहली सालगिरह सोमवार को पूर्ण हो गई। इस दौरान शहर में कई जगह सभासदों ने अपनी जीत का जश्न भी दावत के दौर के साथ मनाया तो वहीं सभासदों ने एक दूसरे को बधाईयां भी दी। नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर के निर्वाचित बोर्ड के लिए यह साल चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के नेतृत्व में ऐतिहासिक उपलब्धियों भरा रहा। इस साल पालिका प्रशासन ने शहर के हित में कई मुख्य चुनौतियों को पार करते हुए इतिहास रचा। पहली बार पालिका में विपक्ष की राजनीति खत्म हुई और 55 सदस्यों का पूरा बोर्ड एकजुटता के साथ चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के साथ खड़ा नजर आया। जबकि चेयरपर्सन ने भी अपने वायदे के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को शत प्रतिशत चरितार्थ करते हुए 55 वार्डों में एक समान नीति के साथ करीब 100 करोड़ रुपये के विकास कार्य अपने कार्यकाल के पहले साल कराने का काम किया है। इसके साथ ही डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन शुरू कराना मीनाक्षी स्वरूप के कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि रही है।

यूपी में नगरीय निकाय की घोषणा होने के बाद जनपद में 4 मई को मतदान हुआ और 13 मई को नतीजों का ऐलान कर दिया गया था। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मीनाक्षी स्वरूप का सपा और रालोद गठबंधन की प्रत्याशी लवली शर्मा के साथ सीधा मुकाबला हुआ था। इस चुनाव में मीनाक्षी स्वरूप ने इस चुनाव में कुल 92045 वोट हासिल किये तो वहीं लवली शर्मा को 80275 मत मिले। चुनावी जंग में मीनाक्षी ने अपनी प्रतिद्वंद्वी लवली को 11770 मतों से पराजित करते हुए शहर पालिका की चेयरमैनी भाजपा की गोद में डाल दी। भाजपा ने यहां पर दस साल के बाद जीत दर्ज की थी। जीत के पहले ही दिन से मीनाक्षी स्वरूप ने अपनी नीति को जगजाहिर करते हुए सभी को साथ लेकर शहर के हित में काम करने का भरोसा दिया था और अपने कार्यकाल के पहले साल वो पूरी तरह से इस पर कायम भी रही। 55 सदस्यों वाले पालिका बोर्ड में यूं तो भाजपा के टिकट पर 24 सदस्य निर्वाचित हुए और कुछ निर्दलीयों को साथ पाकर चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के पास बोर्ड में पूर्ण बहुमत हो गया था, इसके साथ ही बाद में 07 निर्दलीय सदस्यों ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी, लेकिन इसके बाजवूद भी मीनाक्षी स्वरूप ने पक्ष विपक्ष की राजनीति में न पड़कर केवल शहर हित के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सबका साथ, सबका विकास और सभी का विश्वास जीतने के लिए बिना भेदभाव के शहर का विकास कराया। पहले ही झटके में उन्होंने सभी 55 वार्डों में 20-20 लाख रुपये के विकास कार्य पास कराये। पालिका सूत्रों के अनुसार पहले साल में चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के कार्यकाल में करीब 70-75 करोड़ रुपये के विकास कार्य सम्पन्न कराये गये और करीब 25-30 करोड़ रुपये के कार्य पाइपलाइन में हैं, कुल मिलाकर करीब 100 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात मीनाक्षी स्वरूप ने अपने पहले साल के कार्यकाल में दी है।

इसके साथ ही शहर में सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए भारी जद्दोजहद के बाद डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन शुरू कराने, वेस्ट टू एनर्जी की उम्मीदों को पंख लगाने, टाउनहाल में तीन गेट, टाउनहाल बिल्डिंग की विद्युत फीटिंग, पालिका में भ्रष्टाचार पर अंकुश, जन्म मृत्यु पटल पर सरल और सुलभ व्यवस्था के साथ ही सम्पूर्ण बोर्ड को साथ लेकर चलना, ये उनके कार्यकाल की बड़ी उपलब्धियों में शामिल रही हैं। इसके साथ ही सफाई कर्मचारी संघ की हड़ताल नीति का खात्मा भी इसी बोर्ड में हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि पालिका के इतिहास में पहली बार ऐसा बोर्ड दिखाई दिया है, जो पूरे एक साल एकजुट होकर चेयरपर्सन के साथ खड़ा नजर आ रहा है। कोई मतभेद सामने नहीं आ पाये हैं। भाजपा के टिकट पर जीतने के बाद भी जिस प्रकार ने मीनाक्षी स्वरूप ने मुस्लिम बाहुल्य वार्डों की समस्याओं को लेकर संवेदनशील होकर काम किया और समान रूप से विकास कार्य कराये, उसको लेकर सभी लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं।

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