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पूर्व चेयरमैन पारस जैन की जमानत खारिज, कोर्ट में करना पड़ा सरेंडर

खतौली के राजा वाल्मीकि हत्याकांड में अपराधिक साजिश रचने के आरोप में जमानत पर थे भाजपा नेता पारस; सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद अपने अधिवक्ता के साथ बुधवार को पूर्व चेयरमैन ने किया कोर्ट में आत्मसमर्पण

पूर्व चेयरमैन पारस जैन की जमानत खारिज, कोर्ट में करना पड़ा सरेंडर
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मुजफ्फरनगर। खतौली के पूर्व चेयरमैन पारस जैन ने आज कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सात वर्ष पूर्व हुए राजा वाल्मीकि हत्याकांड की आपराधिक साजिश रचने के मामले मैं आरोपित बनाए गए खतौली नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन पारस जैन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा। पारस जैन पर हत्याकांड की अपराधिक साजिश रचने का आरोप था, लेकिन विवेचना में उनका नाम निकाल दिया गया था। उसके बाद विशेष एससी-एसटी कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उन्हें तलब किया था। एक वर्ष पूर्व सरेंडर करने पर उन्हें सेम डे जमानत मिल गई थी। जिसका वादी पक्ष ने हाईकोर्ट में यह कहते हुए विरोध किया था कि उनकी दलील को नहीं सुना गया। अब इस मामले में हाईकोर्ट ने भाजपा नेता पारस जैन की जमानत खारिज कर दी थी, जिसके खिलाफ पारस जैन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस अपील पर सुप्रीम कोर्ट से उनको कोई राहत नहीं मिली, शीर्ष अदालत ने भी पारस जैन को निचली अदालत में सरेंडर करने का आदेश जारी किया था, जिसके बाद उन्होंने कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

पांच अप्रैल 2017 को खतौली में राजकुमार उर्फ राजा वाल्मीकि की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतक के भाई राणा प्रताप पुत्र बाबूलाल ने हत्याकांड के मामले में राजू वाल्मीकि पुत्र ओमप्रकाश, व दो अन्य पर हत्याकांड को अंजाम देने का आरोप लगाते हुए नगर पालिका खतौली के तत्कालीन चेयरमैन पारस जैन व जेल में बंद गोरा उर्फ गौरव पर हत्याकांड की अपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाते हुए एफआईआर कराई थी। पुलिस ने पालिका चेयरमैन पारस जैन को हिरासत में ले लिया था, लेकिन बाद में पूछताछ कर छोड़ दिया था। विवेचना उपरांत पुलिस ने नामजद आरोपियों तथा दो अन्य दानिश व विपुल के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी। लेकिन हत्याकांड की अपराधिक साजिश रचने के मामले में पारस जैन की संलिप्तता से इंकार करते हुए उसका नाम निकाल दिया था। वादी ने विशेष एससी-एसटी कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर पुलिस पर पारस जैन से उसका नाम चार्जशीट से निकाल देने का आरोप लगाते हुए 319 सीआरपीसी के तहत उसे कोर्ट में तलब करने की याचना की थी। इस मामले में विशेष एससी-एसटी कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद वादी मुकदमा के अधिवक्ता की याचना स्वीकार करते हुए खतौली नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन और भाजपा नेता पारस जैन को समन जारी कर 319 सीआरपीसी के तहत दो वर्ष पूर्व आठ मार्च को कोर्ट में पेश होने के आदेश जारी किए थे। गत वर्ष पारस जैन ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था, जिसके बाद उन्हें जमानत मिल गई थी, लेकिन अभियोजन पक्ष की ओर से इस जमानत का विरोध करते हुए हाईकोर्ट का रुख अख्तियार करते हुए उनको सुने बिना ही सेम डे जमानत का विरोध किया था। जिस पर हाईकोर्ट ने उनकी जमानत खारिज करते हुए एससी एसटी कोर्ट में सरेंडर के आदेश दिये थे। इसके खिलाफ ही वो सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिलने के कारण उनको बुधवार को एससी एसटी कोर्ट के पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश अशोक कुमार की अदालत में सरेंडर करना पड़ा। इसके साथ ही पारस जैन के अधिवक्ता वकार अहमद ने कोर्ट में उनकी जमानत अर्जी भी दायर कर दी थी और उनको पूर्व में मिली जमानत का हवाला देते हुए जमानत पर रिहा करने की अपील कोर्ट से की।

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