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सरकार किसान नहीं पूंजीपतियों की मदद कर रही: राकेश टिकैत

सरकार किसान नहीं पूंजीपतियों की मदद कर रही: राकेश टिकैत
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नयी दिल्ली। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि मोदी जी के संबोधन में सबसे बड़ा झूठ गन्ना किसानों को 1600 करोड़ की मदद की जा रही हैं। यह मदद नहीं शुगर मिल पर किसानों का बकाया है उसका भुगतान शुगर मिल को करना था। अगर सरकार उसको दे रही है तो शुगर मिलों को मदद मिल रही है। सरकार अगर इसे इंसेंटिव के रूप में देती तो कोई लाभ होता है। उन्होंने कहा कि मोदी भंडारण हेतु ढांचे की बात कर रहे है। लेकिन अपील कॉरपोरेट से कर रही है। इसका मतलब मोदी जी किसान को नही एग्री बिजनेस को बढ़ावा दे रही है। खेती में निजीकरण को बढ़ावा दे रही है।

नवरत्न कंपनियों के निजीकरण के बाद मोदी जी की निगाह अब खेती के निजीकरण पर है । राकेश टिकैत ने किसानों के चर्चा की बात को गलत बताते हुए कहा कि किसान संगठनों से कोई चर्चा नहीं की। स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने का दावा सरासर झूठ है।

स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट विस्तृत

स्वामीनाथन की सिफारिश में लागत मेंC2+ 50% जोड़कर देने की है। भाजपा ने चालाकी दिखाकर फार्मूला बदलकर A2+FL दिया।

जिससे किसानों में हक़ मारा जा रहा है। हमें 500 रुपये महीना की भीख नहीं समर्थन मूल्य का हक चाहिए।

उन्होंने कहा कि यूरिया का 5 किलो वजन घटाया जिससे किसान का नुकसान हुआ है।

शहद का किसान जैव परिवर्तित सरसों का विरोध कर रहा है,लेकिन मोदी सरकार आगे बढ़ रही है।

कृषि सुधार से किसानों का क्या लाभ होगा मोदी यह नहीं बता सके। मंडी से बाहर बेचने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया गया है।

आज भी दलहन की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नही होती। बुंदेलखंड की मंडी इसका उदाहरण है।

बुंदेलखंड में दलहन का किसान आत्महत्या कर रहा है। राकेश टिकैत ने कहा कि मोदी जी से आज भी देश का किसान निराश हुआ।

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