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मुजफ्फरनगर का लाल कश्मीर में शहीद, पुंछ में तैनात था मोहित बालियान

मुजफ्फरनगर का लाल कश्मीर में शहीद, पुंछ में तैनात था मोहित बालियान
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मुजफ्फरनगर। आज दिन निकलते ही जिले को एक दुखद समाचार कश्मीर घाटी से प्राप्त हुआ है। इस खबर के अनुसार वहां भारतीय सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात मुजफ्फरनगर का एक जवान शहीद हो गया है। जवान के शहीद होने की खबर जैसे ही उसके परिजनों को मिली तो उनमें कोहराम मच गया। शहीद जवान इस परिवार की बड़ी उम्मीद होने के साथ ही सभी का लाडला भी था। गांव में भी इस खबर पर शोक का माहौल बन गया। शहीद जवान की अभी शादी भी नहीं हुई थी। वह पांच साल पूर्व ही सेना में भर्ती हुआ था। बताया जा रहा है कि यह जवान आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुआ है, लेकिन उसके बेस कैम्प से परिजनोें को इसके संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

शुक्रवार की सुबह जिले में दिन निकलते ही शोक समाचार प्राप्त हुआ। जनपद के भौराकलां थाना क्षेत्र के गांव गढी नौआबाद निवासी छोटी जोत के किसान तारा सिंह का सबसे छोटा पुत्र 27 वर्षीय मोहित बालियान कश्मीर में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गया। इस सूचना के साथ ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई तो वहीं मोहित के परिवार में मातम पसर गया। शहीद हुए जवान मोहित बालियान के चचेरे भाई और जिला पंचायत के वार्ड 20 गढी नौआबाद से मैम्बर अजय बालियान ने बताया कि आज सवेरे करीब साढ़े सात बजे मोहित बालियान के बेस कैम्प राजौरी से उसको फोन पर बताया गया कि मोहित शहीद हो गया है। इसके अलावा उनको कोई भी जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि मोहित बालियान पुत्र तारा सिंह वर्ष 2015 में सेना में भर्ती हुआ था। ट्रैनिंग के बाद उसको सबसे पहले अलवर ;राजस्थानद्ध में पाकिस्तान बाॅर्डर पर तैनात किया गया था। वर्तमान में वह जम्मू कश्मीर के पुंछ राजौरी बेस कैम्प के अन्तर्गत मनकोट सेक्टर में सेना की 39-आरआर ;राष्ट्रीय राइफल्सद्ध में तैनात था। उन्होंने बताया कि सैन्य सूत्रों के अनुसार जो उनको जानकारी दी गई है, पुंछ में ही मोहित का निधन हुआ। अजय बालियान ने बताया कि मोहित की बटालियन के बेस कैम्प से उसके शव के गांव में पहुंचने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। वह लगातार वहां पर सम्पर्क कर रहे हैं और उसकी मौत के बारे में भी ज्यादा कुछ नहीं बताया गया है। इससे परिजन परेशान हैं। परिजनों का इस खबर के बाद से ही रो रोकर बुरा हाल है। अजय ने बताया कि मोहित अपने परिवार में सभी का लाडला था। उसका बड़ा भाई दिव्यांग है, जबकि बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। मोहित का भी अभी विवाह नहीं हुआ था। मोहित लाॅक डाउन से पहले जनवरी में अपने गांव अवकाश पर आया था और फरवरी में उसको बटालियन में वापस बुला लिया गया था। परिवार के लोग अब उसकी शादी कराने की भी तैयारी कर रहे थे। मोहित पर ही अपने परिवार की जिम्मेदारी ज्यादा थी। उसके पिता किसान हैं और करीब नौ बीघा भूमि पर वह खेती कर परिवार को चला रहे हैं। उधर सुबह मोहित को लेकर मीडिया के कुछ प्लेटफार्म पर एक खबर आई थी, जिसमें बताया गया कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना के एक जवान ने आत्महत्या कर ली है। जवान की पहचान 27 वर्षीय मोहित कुमार के रूप में हुई है। हालांकि इसको लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। इस संबंध में शहीद मोहित के चचेरे भाई अजय बालियान ने बताया कि मोहित आत्महत्या नहीं कर सकता है, उसकी फोन पर मोहित से बात होती रहती थी। वह किसी भी प्रकार से डिप्रेशन में नहीं था। उन्होंने कहा कि उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि उसकी आत्महत्या की बात क्यों की जा रही है। ऐसा कुछ नहीं हो सकता है।

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