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लेखपाल मांग रहा बैनामे पर रिश्वत, ऑडियो वायरल

डीएम से शिकायत के बाद भी बना रहा दबाव, अब सीएम पोर्टल पर पीड़ित ने डाली अर्जी, दो भाईयों के विवाद में जांच के नाम पर पैसे हड़पने के बाद भी बढ़ रही लेखपाल की भूख

लेखपाल मांग रहा बैनामे पर रिश्वत, ऑडियो वायरल
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मुजफ्फरनगर। खतौली क्षेत्र के एक गांव में दो भाईयों के बीच सम्पत्ति के बंटवारे को लेकर हुए विवाद को एक लेखपाल ने बड़ा अवसर बना लिया है। इसमें भ्रष्टाचार करते हुए लेखपाल ने पहले तो शिकायत की जांच के नाम पर दबाव बनाया और पैसे हड़प लिये। बाद में जब दोनों भाईयों के बीच सामाजिक स्तर पर लोगों ने पंचायत कर समझौता कराया और विवादित सम्पत्ति का बैनामा करा दिया गया तो भी लेखपाल को शांति नहीं मिली। लेखपाल ने इस मामले में पीड़ित को बुलाकर बैनामे को फर्जी बताते हुए जांच कराने के नाम पर डराया और जांच रोकने के बदले 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। इसका ऑडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें डीएम से शिकायत के बाद भी लेखपाल को डर भय नहीं रहा और पीड़ित के खिलाफ कार्यवाही की धमकी देकर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में अब पीड़ित ने लेखपाल के आचरण की शिकायत मुख्यमंत्री से की है।



खतौली क्षेत्र के गांव शेखुपुरा निवासी सईद पुत्र कय्यूम ने 6 अपै्रल को जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की थी कि उसको जांच के नाम पर एक लेखपाल के द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। सईद ने डीएम को की गयी शिकायत में बताया कि गांव में ही उसके पिता और ताऊ का एक पुश्तैनी मगान है। पैतृक सम्पत्ति के बंटवारे को लेकर दोनों भाईयों के बीच विवाद चला आ रहा था। इसके निपटारे के लिए सईद ने पूर्व में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जनसुनवाई पोर्टल पर की थी। वहां से जिला प्रशासन को जांच के आदेश आये तो तहसील खतौली से लेखपाला कैलाश चन्द उनके गांव में उनके पास जांच करने के लिए पहुंचे थे। सईद का आरोप है कि जांच कराने के लिए 15 दिन तक लेखपाल के चक्कर काटने पड़े। बाद में लेखपाल ने जांच रिपोर्ट फेवर में लगाने की बात कहते हुए पैसों की डिमांड की। सईद का आरोप है कि उस वक्त पैसे ज्यादा उसके पास नहीं होने के कारण उसने जांच के नाम पर 1 हजार रुपये लेखपाल को दिये और बाकी पैसे बाद में देने का वादा किया। इसी बीच रिश्तेदारों और समाज के जिम्मेदार लोगों ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए आपसी सुलह और समझौते से मामला निपटाने का प्रयास किया। सामाजिक पंचायत के बीच दोनों भाईयों ने समझौता कर लिया। इस समझौते के आधार पर ताऊ द्वारा पैसे देने पर सईद के पिता ने अपने हिस्से के मकान का बैनामा अपने बड़े भाई के नाम कर दिया।


सईद का कहना है कि बैनामा होने पर पारिवारिक विवाद निपट गया, लेकिन इसकी जानकारी होने पर लेखपाल कैलाश चन्द ने फोन कर उसको खतौली तहसील मिलने के लिए बुलाया। शिकायत के अनुसार सईद मिलने पहुंचा तो लेखपाल ने उसको बताया कि उनके द्वारा किये गये बैनामे की जांच उसको सौंपी गयी है। बैनामा फर्जी बताते हुए लेखपाल ने कहा कि जांच को यहीं पर खत्म कर दूंगा, इसके लिए लेखपाल ने सईद से 20 हजार रुपये की मांग की। पैसे देने से सईद ने असमर्थता जताई तो लेखपाल ने सौदेबाजी की और मामला 10 हजार रुपये में तय कर लिया गया। सईद ने कहा कि लेखपाल द्वारा रिश्वत मांगने की रिकार्डिंग उसके पास है। इसको भी डीएम से की गयी शिकायत में सौंपा गया है। सईद की शिकायत पर डीएम ने एसडीएम खतौली को जांच के आदेश दिये। इसके बाद भी लेखपाल ने पीड़ित को परेशान किया है।

सईद का आरोप है कि डीएम से शिकायत के बाद भी लेखपाल उसको फोन करते हुए परेशान कर रहा है और पैसे नहीं दिये जाने पर बैनामा को जांच में फर्जी बताकर आपत्ति लगाने की बात कर रहा है। पीड़ित ने इस मामले में 7 अपै्रल को मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत करते हुए लेखपाल के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। इसमें भी उसने लेखपाल पर 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप लगाये हैं। वहीं इस मामले में खतौली एसडीएम जीत सिंह राय का कहना है कि डीएम के निर्देश पर जांच की जा रही है। लेखपाल से उन पर लगे आरोपों को लेकर नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। स्पष्टीकरण आने के बाद कार्यवाही को आगे बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि शिकायत के बाद भी परेशान करने के मामले में पीड़ित ने कोई जानकारी उनको नहीं दी है। यदि ऐसा है तो लेखपाल के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।



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