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मुज़फ्फरनगर - सम्पत्ति विवाद मे भाई की हत्या के मामले मे आरोपी भाई को उम्र कैद

जुर्माना अदा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त सज़ा भुगतनी पड़ेगी

मुज़फ्फरनगर - सम्पत्ति विवाद मे भाई की हत्या के मामले मे आरोपी भाई को उम्र कैद
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मुजफ्फरनगर। पैतृक सम्पत्ति के बंटवारे के विवाद में अपने ही भाई की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दिये जाने की सनसनीखेज वारदात में आज अदालत का फैसला आया है। अदालत ने अपने भाई की हत्या के आरोपी भाई को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 6 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया गया है। जुर्माना रकम अदा नहीं करने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।

गत 19 जून 2014 को थाना सिखेड़ा के ग्राम भिक्की में संपत्ति विवाद को लेकर आरोपी गौतम द्वारा अपने सगे भाई रणबीर की चाकू घोंप कर हत्या कर दिये जाने के सनसनीखेज मामले में आरोपी भाई गौतम को उम्र कैद की सजा सुनाये जाने के साथ ही उस पर अदालत द्वारा 6 हज़ार रुपये का जुर्माना किया गया है। मामले की सुनवाई ज़िला ज़ज़ चवन प्रकाश की कोर्ट में हुई। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा ने पैरवी की। कोर्ट ने धारा 302 में उम्रकैद व 5 हज़ार का जुर्माना व धारा 25/4 में एक वर्ष कि सज़ा व एक हज़ार रुपये का जुर्माना किया है।

कोर्ट ने मामले के वादी व मृतक के भतीजे पवन कुमार के विरु( कोर्ट में अपने बयानों से मुकरने व पक्षद्रोही होने पर धारा 344 के तहत मिसलेनियस में मामला दर्ज कर नोटिस जारी करने के भी आदेश दिए हैं, अदालत ने अपने आदेश में नोटिस में वादी पवन कुमार से यह सवाल किया है कि मुकदमे की सुनवाई के दौरान पक्षद्रोही होने पर क्यों न उसे धारा 344 के तहत दंडित किया जावे। मुकदमा वादी पवन कुमार अपने बयानों से मुकरने के कारण अदालत द्वारा पक्षद्रोही घोषित किया गया था।

अभियोजन की कहानी के अनुसार 19 जून 2014 को ग्राम भिक्की में भाइयों के बीच आपसी संम्पत्ति विवाद को लेकर कहासुनी के बाद आवेश में आकर गौतम ने अपने सगे भाई रणबीर की चाकू घोंप कर हत्या कर दी थी। इस हमले में घायल रणबीर ने बाद में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। पुलिस ने पहले वादी मृतक के भतीजे पवन की रिपोर्ट पर धारा 307 में आरोपी गौतम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन रणवीर की मौत हो जाने के बाद इस मुकदमे को आईपीसी की धारा 302 में तरमीम कर दिया गया था। आज करीब 8 साल के बाद इस मामले में अदालत ने अपना फैसला सुनाया है और वादी मुकदमा को भी नोटिस भेजा जा रहा है।

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