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ईओ हेमराज के खिलाफ बिफरे पालिका कर्मी

गंभीर आरोप लगाते हुए सभा कर निंदा प्रस्ताव किया पारित, 11 सदस्यीय समिति का गठन; विरोध की सूचना पर कर्मचारियों के बीच पहुंचे ईओ, कहा-आरोप हैं बेबुनियाद

ईओ हेमराज के खिलाफ बिफरे पालिका कर्मी
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल को टालने वाले अधिशासी अधिकारी हेमराज सिंह के खिलाफ पालिका के कर्मचारियों ने बड़ा मोर्चा खोल दिया है। ईओ पर रिश्वत देने का दबाव बनाने, अभद्रता करते हुए अपमानित करने और कई गंभीर आरोप लगाते हुए स्वायत्त शासन कर्मचारी महासंघ की बैठक में कर्मचारी ईओ के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर पूरी तरह से एकजुट नजर आये। महासंघ ने ऐलान किया है कि यदि ईओ कार्य व्यवहार में बदलाव नहीं लाते हैं तो उनके साथ काम नहीं किया जायेगा। इस मामले में कर्मचारियों की पीड़ा चेयरमैन तक पहुंचाने के लिए महासंघ के अध्यक्ष व महामंत्री के नेतृत्व में 11 सदस्यीय कमेटी बना दी गई है। इसके साथ ही बैठक में ईओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए शासन में भी शिकायत करने का निर्णय लिया गया है। कर्मचारियों में विरोध की बैठक होने की सूचना पर बाद में ईओ हेमराज भी पालिका पहुंचे, कर्मियों के साथ उनकी जमकर नोंकझोंक हुई। इस मामले में चेयरमैन मीनाक्षी स्वरूप ने भी कड़ी नाराजगी व्यक्त की है और पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब कर ली है।

सीएम योगी की जिले में मौजूदगी और वृहद वृक्षारोपण अभियान के शुभारंभ जैसे बड़े अवसर के बीच ही नगरपालिका परिषद् में भी बड़ा बखेड़ा खड़ा नजर आया। दरअसल, पालिका में ईओ हेमराज सिंह के अड़ियल रवैये के कारण कर्मचारियों में काफी दिनों से रोष बना हुआ था, लेकिन कर्मचारी पालिका में खुलकर सामने नहीं आ पा रहे थे, लेकिन आज सवेरे हुए विवाद ने कर्मचारियों को एकजुट कर दिया। हुआ यूं कि वृक्षारोपण अभियान के दौरान कमला नेहरू वाटिका ;कम्पनी बागद्ध में पालिका चेयरमैन मीनाक्षी स्वरूप को पौधारोपण करना था, इसमें मुख्य अतिथि के रूप में मंत्री कपिल देव अग्रवाल को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम की तैयारी के लिए सवेरे ईओ पालिका के कर्मचारियों को लेकर पहुंच गये थे। यहां पर वाटिका सुपरवाइजन दुष्यंत कुमार ने बैनर आदि की व्यवस्था कर ली थी। बैनर पर नंदन वन अभियान लिखा होने के कारण ईओ भड़क गये और उन्होंने दुष्यंत कुमार को खरी खोटी सुना दी। इसके बाद दुष्यंत कुमार का भी पारा चढ़ गया और दोनों के बीच गरमागरम बहस शुरू हो गइ। यहां मौजूद वाटिका प्रभारी एनएसए डाॅ. अतुल कुमार, आईटी आॅफिसर प्रियेश कुमार और स्वायत्त शासन महासंघ के महामंत्री सुनील वर्मा ने बीच बचाव कराया। मामला तब तो सुलट गया, लेकिन पालिका पहुंचकर दुष्यंत ने यह प्रकरण संगठन में उठाया। इसके बाद महासंघ ने आपातकालीन बैठक बुला ली, जिसमें पालिका के सभी कर्मचारी ईओ के खिलाफ एकजुट नजर आये।

पालिका कर्मियों ने ईओ हेमराज सिंह पर लगातार दुव्र्यवहार करने, अपमानित करने और प्रत्येक विभाग से रिश्वत के लिए दबाव बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाये। लिपिक दुष्यंत कुमार ने सीधे तौर पर कहा कि शपथ पत्र से जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए ईओ ने ही विभाग में रिश्वत का बाजार खोल रखा था, जबकि कार्यवाही लिपिक विजय जैन के खिलाफ हुई, खुद उससे भी जन्म मृत्यु पटल पर होने के कारण चार हजार रुपये प्रतिमाह ईओ द्वारा लिये जाते थे। दुष्यंत के अनुसार ईओ ने अपने आवास पर कुछ पौधे लगाने की डिमांड की, वो अपने वेतन से 1200 रुपये के पौधे लगवा आये, भुगतान मांगा तो अभद्रता की जाती है। इतना ही नहीं लिपिक तनवीर आलम ने कहा कि ईओ द्वारा गत वर्ष अलाव के लिए लकड़ी खरीदने का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। करीब 3.35 लाख रुपये का भुगतान अपनी जेब से करने का दबाव बना रहे हैं। यही नहीं गत वर्ष वृक्षारोपण अभियान में वाटिका में ही पौधे लगाने के लिए खोदे गये गडढों का भुगतान भी अभी तक नहीं किया गया है, जो कर्मचारियों को वेतन से देना पड़ रहा है।

कार्यालय अधीक्षक ओमवीर सिंह ने भी सदन में अपनी बात रखते हुए बताया कि चेयरमैन मीनाक्षी स्वरूप के शपथ ग्रहण समारोह और दो बोर्ड बैठकों में आई मिनरल वाटर की बोतलों का भुगतान भी करने से ईओ ने इंकार करते हुए साफ कह दिया है कि पानी बेचने वाली पालिका पानी खरीदने का पैसा नहीं देगी। जन्म मृत्यु पटल लिपिक राजीव वर्मा ने कहा कि उनकी पत्नी बीमार थी और आईसीयू में भर्ती रही, वो अवकाश स्वीकृत कराकर गये थे, लेकिन ईओ ने उनका अवकाश निरस्त कर नोटिस दे दिया। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि वो पत्रावलियों या पेशी को लेकर जाने पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर देते हैं और अपमानित किया जाता है। जलकल लिपिक विकास कुमार ने सदन में अपनी बात रखते हुए आरोप लगाया कि कांवड़ यात्रा के दौरान बझेडी अंडर पास से पानी निकालने के लिए मौखिक आदेशों पर पम्पिंग सेट लगवाये गये, वो खराब हुए तो रिपयेर का भुगतान करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि पम्पिंग सेट किसके आदेश पर लगाये गये। बैठक में सालिम के खिलाफ कार्यवाही का मुददा भी उठा। दुष्यंत ने आरोप लगाया कि ईओ के आदेश पर ही सालिम को पदोन्नति दी गई थी। निर्माण लिपिक मनोज बालियान ने कहा कि नगरपालिका में नौकरी करनी अब भारी हो रही है। कर्मचारी ईओ के व्यवहार और लगातार अपमान के कारण तनावग्रस्त हैं। बाबू के पटल पर कोई भी कार्य लंबित नहीं रहता है, ईओ कई कई दिनों तक पत्रावलियों को कब्जाये रखते हैं। कर्मचारियों ने कड़ी नाराजगी जताते हुए साफ कह दिया कि इस स्थिति में ईओ हेमराज सिंह के साथ काम नहीं किया जा सकता है।

बैठक में स्वायत्त शासन कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष ओमवीर सिंह ने कहा कि ईओ के व्यवहार से सभी को शिकायत है। उसमें सुधार नहीं होता है कि कोई भी कर्मचारी कार्य नहीं करेगा। हम मिलकर समस्या हल करना चाहते थे, लेकिन बुलाने पर भी ईओ नहीं आये तो बैठक करनी पड़ी। ईओ साहब के अंदर हेकडी है, वो राजा भैया के साथ अपना फोटो दिखाकर कर्मचारियों को रौब देते हैं। दुष्यंत को भी उन्होंने देख लेने की धमकी दी है। यह कार्य व्यवहार उनकी पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है। वो हमारे अधिकारी है, हम उनसे माफी नहीं मंगवाना चाहते, लेकिन अपमान बर्दाश्त नहीं होगा। निर्णय लिया गया है कि चेयरमैन से मिलकर अपनी बात रखेंगे। इसके लिए अध्यक्ष ब्रजमोहन और महामंत्री सुनील वर्मा के नेतृत्व में 11 सदस्यीय समिति बनाई गई है। वहीं इस प्रकरण का पता चलने पर चेयरमैन मीनाक्षी स्वरूप ने कड़ी नाराजगी जताते हुए रिपोर्ट तलब कर ली है।

बैठक में कार्यालय अधीक्षक ओमवीर सिंह, लिपिक मैनपाल सिंह, मनोज बालियान, तनवीर आलम, गगन महेन्द्रा, प्रवीण कुमार, आकाशदीप, मोहन कुमार, नाजिम, विकास कुमार, गोपीचंद वर्मा, अशोक ढींगरा, दुष्यंत कुमार, कैलाश चंद, राजीव वर्मा, सुनील वमा्र, मुकेश शर्मा, नितिन कुमार, संजीव कुमार, सोनू मित्तल, सुनीता रानी के अलावा सभी बीसी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मौजूद रहे। सूत्रों ने बताया कि ईओ हेमराज के कर्मचारियों के बीच पहुंचने के बाद व्यवहार पर खेद जताया गया, फिलहाल इस प्रकरण में कर्मचारियों की ओर से तनावपूर्ण शांति स्थापित की गई है। अभी काम बंद करने का निर्णय वापस लिया गया है, व्यवहार सही हुआ तो मामला यही निपटाने की सहमति बनी है।

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