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पालिका अब लाई 72 करोड घाटे का बजट

वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पालिका प्रशासन ने पेश किया 220 करोड़ रुपये की कमाई का प्रस्ताव, खर्च होंगे 292 करोड़ रुपये

पालिका अब लाई 72 करोड घाटे का बजट
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मुजफ्फरनगर। चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप की कड़ी नाराजगी के बाद मुजफ्फरनगर पालिका की पहली बोर्ड बैठक में लाये जा रहे वित्तीय वर्ष 2023-24 के 1312 करोड़ रुपये के बजट प्रस्ताव में संशोधन कर दिया गया है। यह संशोधन अर्श से फर्श की तर्ज पर किया गया है। इस बार जो नया बजट प्रस्ताव बनाया गया है, वो आमदनी अठन्नी और खर्चा रूपैया जैसी कहानी बयां कर रहा है, क्योंकि इस वित्तीय वर्ष में ट्रिपल इंजन की सरकार के भरोसे 1312 करोड़ रुपये की आमदनी का ख्वाब देखने और दिखाने वाले पालिका प्रशासन को चेयरपर्सन ने हकीकत का आईना दिखाया है। हकीकत सामने आई तो मुंगेरी लाल के हसीन सपनों में खोये पालिका के अधिकारी सीमा विस्तार वाली पालिका में अब करीब 72 करोड़ रुपये के घाटा का बजट लेकर आये हैं। इसमें 220 करोड़ रुपये से ज्यादा की आमदनी का अनुमान लगाया गया है तो वहीं 292 करोड़ रुपये खर्च होने का प्लान भी तैयार किया गया है। इस तरह से पालिका आगामी दिनों में गंभीर आर्थिक संकटों से घिरती नजर आ सकती है।


बता दें कि चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के बोर्ड की पहली बैठक कराने के लिए पालिका के अधिशासी अधिकारी हेमराज सिंह ने एक विशेष बजट प्रस्ताव के साथ ही कुल 25 प्रस्तावों का एजेंडा छह जून की शाम को जारी किया था। जबकि एक प्रस्ताव अन्य मामलों के लिए रखा गया था। इसमें बताया गया था कि 14 जून को पूर्वान्ह 11 बजे चेयरपर्सन बोर्ड की मीटिंग लंेगी। इस एजेंडे के जारी होने के बाद सबसे बड़ा विवाद बजट प्रस्ताव पर हुआ। इसमें पालिका के अधिकारियों ने 1312 करोड़ रुपये से ज्यादा की आय और 1217 करोड़ रुपये से ज्यादा के व्यय का अनुमानित बजट प्रस्ताव रखा था। इस तरह से करीब 191 करोड़ रुपये से ज्यादा के लाभ का बजट पेश किया गया। इसी रकम को लेकर सवाल उठे तो पालिका ईओ ने सफाई दी थी कि 1220 करोड़ रुपये उनको राज्य वित्त के मद में मिलने की उम्मीद है और अन्य ग्रांट भी ज्यादा मिलेगी। इसी सपनों के बजट पर चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने भी नाराजगी जताई, क्योंकि यह धरातल पर कम और सपनों मंे ज्यादा नजर आ रहा था। चेयरपर्सन ने वास्तविक स्थिति पर बजट प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये तो ईओ ने लेखा विभाग को काम पर लगा दिया था। नौ जून की शाम को ईओ हेमराज सिंह ने 14 जून की पहली बोर्ड बैठक के लिए प्रस्ताव संख्या एक विशेष बजट को संशोधित प्रस्ताव जारी कर दिया है। इसमें आय और व्यय का प्रस्ताव शामिल किया गया है। ईओ ने बताया कि बजट प्रस्ताव में ही संशोधन किया गया है, जबकि छह जून के एजेंडे में शामिल प्रस्ताव संख्या 02 से 26 तक यथावत रखे गये हैं। उन्होंने बताया कि अब पालिका ने नया बजट प्रस्ताव लाया गया है। इनमें वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पालिका ने 2 अरब 20 करोड़ 70 लाख 10 हजार रुपये की आय अर्जित करने का अनुमान लगाया है। इसमें शासन की ग्रांट भी शामिल है। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2023-24 में अनुमानित आय के लिए पालिका ने 2 अरब 92 करोड़ 65 लाख रुपये खर्च करने का प्लान तैयार गया है।


खजाने में बचे 90 करोड़ रुपये के कारण पालिका को मिलेगी संजीवनी


मुजफ्फरनगर। नगरपालिका की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप का यह सौभाग्य है कि उनके बोर्ड का पहला ही बजट 72 करोड़ के घाटे का होने के बावजूद भी पालिका पर इस साल तो कम से कम कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि मीनाक्षी स्वरूप को अंजू अग्रवाल बोर्ड में पालिका के खजाने में करीब 90 करोड़ रुपये की अवशेष धनराशि छोड़ी गई थी, जो मीनाक्षी स्वरूप के बोर्ड को मिली है। पालिका के एजेंडे में शामिल बजट प्रस्ताव के अनुसार पालिका के खजाने में प्रारम्भिक अवशेष (एक अपै्रल 2023 तक) 89 करोड़ 83 लाख 38 हजार 815 रुपये है। इसी रकम के कारण पहले बजट के घाटे के झटके को चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप और उनका बोर्ड झेलने में सक्षम दिखाई दे रहा है, यदि पूर्व के बोर्ड की भांति मीनाक्षी स्वरूप के बोर्ड को भी खजाना खाली मिलता तो यह घाट करीब डेढ़ अरब तक हो सकता था। क्योंकि प्रारम्भिक अवशेष को इस बजट में शामिल करने के कारण ही पालिका प्रशासन 220 करोड़ रुपये की कमाई के बावजूद 292 करोड़ रुपये खर्च करने के अनुमान के बाद भी पालिका के खजाने में मार्च 2024 तक 17.88 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि शेष रह जायेगी। इस साल यदि पालिका के आय के स्रोत में इजाफा नहीं किया गया तो अगला बजट इससे ज्यादा घाटा लेकर आने वाला है।


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