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मुस्लिम राजू और फैज बने कांवड़ यात्रा के अनोखे शिव भक्त

पुरबालियान का राजू चैथी कांवड़ लेकर पहुंचा गांव, फैज मौहम्मद कर चुके हैं धर्म परिवर्तन अब शंकर से है पहचान

मुस्लिम राजू और फैज बने कांवड़ यात्रा के अनोखे शिव भक्त
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मन्सूरपुर। सावन मास की कांवड़ यात्रा धार्मिक बंधनों को भी तोड़ने का काम कर रही है। कुछ कांवड़िये इस यात्रा में अपनी अनूठी भक्ति के कारण चर्चाओं के साथ ही समाज को भाईचारे और आपसी प्रेमभाव का संदेश देने का काम कर रहे हैं। ऐसे ही शिव भक्त कांवड़िया हैं मुजफ्फरनगर के गांव पुरबालियान निवासी 60 वर्षीय राजू उर्फ रोजूदीन भोले के रंग में रंगा यह वृ( कांवड़िया सामाजिक और धार्मिक बंदिशों से दूर शिव की भक्ति में लीन नजर आया। हालांकि उसने अपना इस्लाम धर्म का रास्ता और मजहबी इबादत को नहीं छोड़ा है, लेकिन अपने गांव और जिले के साथ ही देश में अमन व खुशहाली के लिए राजू भी हर बार कांवड़ ला रहा है। पैदल सफर करता हुआ राजू अपने गांव पहंुचा तो लोगों ने उसका स्वागत किया है।

भगवान भोलेनाथ की कांवड़ यात्रा अपने सोपान पर पहुंच रही है। अब शिवरात्रि नजदीक होने के कारण शिव भक्तों में भागम भाग का आलम बना हुआ है। ऐसे में कई कांवड़ और शिवभक्त लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। ऐसा ही एक शिव भक्त है राजू जोकि गांव पुरबालियान का निवासी है। करीब 60 साल का राजू पुत्र रसीद अहमद मुस्लिम है, इसके बावजूद भी वो पूरी तरह से भगवान भोलेनाथ के रंग में रंगा नजर आ रहा है। तन पर भगवा वस्त्र और बदन पर गंगाजल उठाये राजू कहता है कि उसको बचपन से ही शिव भोले के प्रति आस्था है। शिवभक्त राजू इस साल चैथी बार शिव भोले की कावड़ लेकर पहुंचा है। यहां पहुंचने पर राजू का सभी ने स्वागत किया और उसकी आस्था को सम्मान दिया है। राजू मुस्लिम कावड़िया हरिद्वार से चलकर पूरा महादेव पहुंचकर भगवान शिव को गंगाजल अर्पित करेगा। वह मंगलवार को कांवड़ लेकर मंसूरपुर पहुंचा। सेवा शिविर में पहुंचते ही क्षेत्र के लोगों ने राजू की आवभगत की। रोजू बताते हैं कि उनकी पत्नी का इंतकाल हो चुका है, बेटा विदेश में रहता है और वह अपने गांव में खुश है। उसकी शिव में श्र(ा है, इसलिए पिछले चार साल से कांवड़ लेकर आ रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म कोई भी हो, सभी ने एक ही संदेश दिया है कि इंसान को नेक राह पर चलना चाहिए और वो अपनी कांवड़ यात्रा में यही संदेश देने का काम कर रहे हैं।

इसके साथ ही मूल रूप से कढ़ली गांव के रहने वाले और फिलहाल मेरठ में रह रहे फैज मोहम्मद का सिखेड़ा और खतौली के शिविरों में स्वागत किया गया। फैज ने बताया कि उसने 2011 में धर्म परिवर्तन कर अपना नाम शंकर रख लिया था। वह शिव का भक्त है। पिछले आठ साल से वह कांवड़ यात्रा का हिस्सा है। परिवार ने उसका साथ छोड़ दिया, लेकिन वह शिव के मार्ग से पीछे नहीं हटा। मेरठ में सतेंद्र सैनी के साथ रहकर ही वह गुजर-बसर करता है।

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