undefined

Muzaffarnagar में राकेश और गौरव के बीच मुकाबला!

निकाय चुनाव का ऐलान होने के साथ ही सपा ने राकेश शर्मा को बनाया प्रभारी, अखिलेश की मुहर पर रालोद की भी मर्जी, उद्यमी गौरव स्वरूप का भी भाजपा से टिकट पक्का होने का दावा। गठबंधन की लवली और भाजपा की मीनाक्षी के बीच मुकाबला होने की संभावना प्रबल। बसपा से भी तगड़ा प्रत्याशी आने की उम्मीद, 2017 में हुई थी जमानत जब्त, दो बार से भाजपा का हराने वाली कांग्रेस को अभी प्रत्याशी की तलाश।

Muzaffarnagar में राकेश और गौरव के बीच मुकाबला!
X

मुजफ्फरनगर। नगरीय निकाय चुनाव का ऐलान होने के साथ ही प्रत्याशियों में टिकट की जंग शुरू हो चुकी है, जिस तेजी के साथ इस बार निर्वाचन आयोग ने यूपी नगरीय निकाय चुनाव का कार्यक्रम जारी किया है, उसी तेजी से पार्टियों ने भी अपनी अपनी तैयारियों में कदम बढ़ाया है। वहीं वार्डों से चुनाव मैदान में आने वाले निकाय सदस्य के प्रत्याशियों ने भी अपने नामांकन के लिए दस्तावेजों के साथ साथ कुर्ता-टोपी भी दुरुस्त करने की शुरू कर दी है। मुजफ्फरनगर नगरपालिका परिषद् में यूपी तो अभी चेयरमैन पद के लिए अभी किसी भी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों के लिए पत्ते नहीं खोले है, लेकिन जो इशारे मिल रहे हैं, उनकी बात की जाये तो यहां पर विधानसभा चुनाव की भांति ही निकाय चुनाव में इस बार भाजपा के खिलाफ सपा-रालोद गठबंधन ही बड़ी चुनौती पेश करता नजर आ रहा है। पिछले दो बार से भाजपा को इस कुुर्सी पर काबिज होने की चुनावी जंग में करारी शिकस्त पेश करने वाली कांग्रेस इस बार जिताऊ प्रत्याशी नहीं मिलने के कारण पूरी तरह से चुनावी बिसात पर फाइट से बाहर मानी जा रही है, तो वहीं बसपा से भी इस बार ‘तगड़ा’ प्रत्याशी आने की चर्चाएं जोरों पर हैं। बसपा यहां पर मुस्लिम कार्ड खेलने पर विचार कर रही है, हालांकि 2017 में में भी बसपा ने यहां पर मुस्लिम प्रत्याशी को चुनाव लड़ाया था, पार्टी की जमानत जब्त हुई थी। इसके साथ ही रालोद और सपा के प्रत्याशी भी जमानत नहीं बचा पाये थे।

मुजफ्फरनगर नगरपालिका परिषद् में इस बार चेयरमैन से लेकर वार्ड सभासद के पदों पर होने जा रहा चुनाव काफी खास है। सीमा विस्तार के बाद 11 गांवों की आबादी और रकबा इस पालिका क्षेत्र में शामिल हो चुका है। इसके कारण वार्डों की संख्या 55 होने के साथ ही आबादी भी बढ़ी है। कई ग्राम प्रधान भी चेयरमैनी के पद पर ताल ठौंकने की तैयारी में है तो कुछ प्रधान वार्ड मैम्बर का चुनाव लड़ते हुए भी दिखाई दे सकते हैं। यहां पर भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। विधानसभा चुनाव 2022 से खतौली उपचुनाव तक जिले की छह में से पांच सीटों पर हार चुकी भाजपा अपने मिशन 2024 के लिए निकाय चुनाव को सेमीफाइनल मान रही है। सदर विधानसभा सीट पर ही भाजपा वापसी करने में कामयाब रही है। अब मुजफ्फरनगर पालिका में लगातार दो चुनाव में हार चुकी भाजपा के सामने यह चुनाव बड़ी प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। भाजपा में टिकट के लिए समर्पित कार्यकर्ता को तरजीह देने की आवाज उठ रही है। महिला सीट होने के बाद सभी टिकटार्थियों ने अपनी अपनी पत्नियों को मैदान में उतार दिया है। ऐसे में भाजपा के प्रत्याशी को लेकर भी सभी की निगाह टिकी हैं।


भाजपा में वैसे तो प्रत्याशियोें के नामों की लंबी फेहरिस्त है, इसमें राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल की पत्नी अनु अग्रवाल, मूलचंद रिजार्ट से जुड़े दीप अग्रवाल की पत्नी तथा पियूष अग्रवाल की भाभी ममता अग्रवाल गौरव स्वरूप की पत्नी मीनाक्षी स्वरूप, भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल गोयल की पत्नी दीपिका गोयल, स्वच्छता मिशन के प्रदेश सह संयोजक श्रीमोहन तायल पत्नी बबीता तायल, महिला नेता रेनू गर्ग, पूर्व चेयरमैन अंजू अग्रवाल, वरिष्ठ व्यापारी नेता सुरेंद्र के परिवार से दीपा अग्रवाल, पूर्व सभासद संजय गर्ग की पत्नी मितिका गर्ग, आरएसएस के नेता ज्ञानचंद सिंघल की पुत्रवधु व गीता जैन वैश्य समाज के टिकट की दावेदारी में हैं। ब्राह्मण समाज के भाजपा जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला की पत्नी सुनीता शुक्ला, पंचायत सदस्य पंडित श्रीभगवान शर्मा की पत्नी उषा शर्मा, पूर्व चेयरमैन डाॅ. सुभाष शर्मा की पुत्री श्वेता कौशिक, पंजाबी समाज में लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक कुश पुरी की पत्नी अंशु पुरी की दावेदारी में है। सूत्रों के अनुसार निकाय चुनाव का ऐलान होने के बाद इनमें से कुछ नेताओं ने लखनऊ और दिल्ली डेरा डाल लिया है। इनमें से गौरव स्वरूप का पलड़ा काफी भारी माना जा रहा है। भाजपा से उनका टिकट लगभग पक्का हो चुका है। इसके कई कारण भी हैं, पहला यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा के समर्थन में जिस प्रकार से गौरव स्वरूप ने ‘त्याग’ किया, वो किसी से छिपा नहीं है, दूसरा उनको दो बार शहर सीट पर विधानसभा चुनाव लड़ने का अच्छा खासा अनुभव और एक मजबूत टीम भी है। उनका परिवार किसी पहचान का मोहताज नहीं है, तीसरा चुनाव में जिस प्रकार से खर्च आदि का दौर अब बन चुका है, उसमें भी गौरव स्वरूप भाजपा की कसौटी और जनता की पसंद पर खरा उतर सकते हैं और प्रतिद्वंद्वी को हर मोर्चे पर टक्कर देने की ताकत उनमें मानी जा रही है। यही कारण है कि आज दिनभर गौरव स्वरूप को भाजपा में टिकट के लिए पूरी तरजीह और हाईकमान की पसंद मिल रही है। गौरव स्वरूप ने भी अपनी पत्नी मीनाक्षी स्वरूप को चुनाव मैदान में उतारने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। नई मण्डी में उनके आवास पर आज सवेरे से ही उनके समर्थकों और भाजपा कार्यकर्ताओं का मेला लगा रहा है।


वही इस चुनाव में सपा और रालोद गठबंधन ने भी अपना प्रत्याशी तय कर दिया है। आज सवेरे सपा नेता राकेश शर्मा को समाजवादी पार्टी की ओर से मुजफ्फरनगर नगरपालिका परिषद् का प्रभारी नामित करने का पत्र जारी कर दिया गया। इसके साथ ही लोगों को साफ इशारा हो गया कि शहर में चेयरमैनी की जंग की तस्वीर क्या रहेगी। यहां पर अब पूरी तरह से राकेश शर्मा और गौरव स्वरूप के बीच ही यह चुनावी जंग तय मानी जा रही है। राकेश शर्मा के नाम पर अखिलेश यादव की स्वीकृति होने के बाद गठबंधन घटक रालोद के शीर्ष नेतृत्व ने भी उनके नाम पर अपनी मर्जी की मुहर लगा दी है। रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक का कहना है कि रालोद में चेयरमैन के पद के लिए छह दावेदार सामने आये हैं, उनमें पूर्व जिला पंचायत सदस्य संजय राठी, पूर्व सभासद पूनम शर्मा पत्नी मनोज शर्मा आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। पार्टी जो निर्णय करेगी उसको माना जायेगा। वहीं सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में जयंत से मिले रालोद के विधायक और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने जब यहां पर चेयरमैनी पर चर्चा की तो जयंत ने नाम पेश करने को कहा और फिर जब कुछ नाम बताये गये तो जयंत चैधरी ने खुद ही इन नेताओं से पूछा था कि राकेश शर्मा कैसा प्रत्याशी रहेगा? इससे साफ है कि सपा और रालोद गठबंधन से राकेश शर्मा की पत्नी लवली शर्मा के मैदान में आने की प्रबल संभावना है। गौरव की भांति ही राकेश शर्मा को शहरी सीट पर विधानसभा चुनाव लड़ने का पूरा तजुर्बा होने के साथ ही उनके पास पूरी टीम भी है। निकाय चुनाव में ये प्रत्याशी बने तो दूसरा मौका होगा, जबकि शहर की जनता गौरव स्वरूप और राकेश शर्मा में अपनी अपनी पसंद के प्रत्याशी के लिए वोट देने का काम करेगी।

बसपा से पूर्व प्रधान इंतजार त्यागी, पार्टी के वरिष्ठ नेता जिर्याउरहमान के नाम प्रमुखता से चल रहे हैं तो वहीं कांग्रेस से इस बार कोई मजबूत नाम नहीं मिलने के कारण इस चुनावी जंग से फिलहाल पार्टी को बाहर ही माना जा रहा है। हालांकि कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुबोध शर्मा का कहना है कि पार्टी यह चुनाव बेहद मजबूती के साथ लड़ेगी और यहां पर जीत की हैट्रिक लगाने का काम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हाईकामन से चुनाव और प्रत्याशियों के चयन के लिए चर्चा की गई है, जल्द ही नामों का ऐलान कर दिया जायेगा। यहां पर अगर देखा जाये तो चेयरमैनी के लिए राकेश और गौरव को टिकट होने से दूसरी बार भी वैश्य बनाम ब्राह्मण मुकाबला होने के असार बन रहे हैं।

Next Story