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नई व्यवस्था-बिना नगदी भी किसान पा सकेंगे उर्वरकः जसवीर तेवतिया

जिला कृषि अधिकारी ने जनपद में इस कैशलेश डिजीटल भुगतान प्रणाली को सख्ती के साथ लागू कराने पर जोर दिया है।

नई व्यवस्था-बिना नगदी भी किसान पा सकेंगे उर्वरकः जसवीर तेवतिया
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मुजफ्फरनगर। जनपद में किसानों को बिना नगदी भी दुकानों और सहकारी समितियों से अपनी फसलों के लिए उर्वरक प्राप्ति के लिए सरकार ने डिजीटल भुगतान व्यवस्था को लागू करने पर जोर दिया है। इसके लिए जिला कृषि अधिकारी ने जनपद के सभी उर्वरक बिक्री केन्द्रों, उर्वरक विक्रेताओं को विभिन्न कैशलेश डिजीटल भुगतान व्यवस्था को अपनो हुए अपने बैंक से क्यूआर कोड तत्काल जनरेट कराकर विभाग को अवगत कराने के निर्देश जारी किये हैं।

बता दें कि कृषि विभाग किसानों को नगदी पर निर्भरता खत्म करने के लिए काम कर रहा है। इसके लिए किसानों को उर्वरक आदि की खरीदारी में नगदी की चिंता नहीं करनी होगी। सरकार ने ऐसी ही व्यवस्था की है। इसके लिए जिला कृषि अधिकारी ने जनपद में इस कैशलेश डिजीटल भुगतान प्रणाली को सख्ती के साथ लागू कराने पर जोर दिया है। उन्होंने जनपद के सभी उर्वरक विक्रेताओं और उर्वरक केन्द्रों के प्रभारियों को दिशा निर्देश जारी किये हैं कि वह अपने यहां पर उर्वरक की बिक्री के लिए किसानों को डिजीटल भुगतान प्रणाली की सुविधा प्रदान करें ताकि किसान बिना नगदी के ही कैशलेश भुगतान करते हुए अपनी फसलों के लिए उर्वरक प्राप्त कर सके। इससे किसान का काफी समय बचेगा और नगदी पर निर्भरता की चिंता से भी वह मुक्त होगा।

जिला कृषि अधिकारी जसवीर सिंह तेवतिया ने बताया कि जनपद मुजफ्फरनगर में उर्वरक की खरीदी के लिए किसानों को नगदी की चिंता से मुक्त करने के लिए सरकार ने उर्वरक के फुटकर और खुदरा विक्रेताओं के साथ ही जनपद में कार्य कर रही सभी साधन सहकारी समितियों, एग्री जक्शन वन स्टाप शाॅप, इफको, कृभको एवं यूपी एग्रो उर्वरक केन्द्रों, औधानिक उत्पादन एवं विपणन, गन्ना सहकारी समितियों और पीसीएफ एवं डीसीडीएफ केन्द्रों पर कैशलेश डिजीटल भुगतान प्रणाली को प्रभावी रूप से लागू कराने की व्यवस्था की है। उन्होंने बताया कि इसके लिए इस संबंध में 7 अगस्त 2020 को उत्तर प्रदेश के कृषि निदेशक ने पूरे प्रदेश में इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कराये जाने के आदेश जारी किये थे।

इसी के तहत मुजफ्फरनगर में तेजी से कैशलेश डिजीटल भुगतान प्रणाली को लागू कराया जा रहा है। उन्होंने इसके लिए सभी खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को अपने आउटलेट पर यूपीआई क्यूआर कोड अपने बअैंक से अथवा गूगल-पे, पेटीएम, फोन-पे, अमेजन-पे जैसे अन्य भुगतान के तरीके से जनरेट करने, उसको अपने काउंटर या आउटलेट पर प्रदर्शित करने और इसकी जानकारी विभाग को देने के लिए निर्देशित किया है। जिला कृषि अधिकारी जसवीर तेवतिया ने कहा कि शासन की प्राथमिकता के इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने पर उर्वरक केन्द्रों और विक्रेताओं के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि कैशलेश डिजीटल भुगतान की व्यवस्था होने से किसानों को नगदी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और वह सीधे अपने बैंक से भुगतान करते हुए उर्वरक कहीं से भी प्राप्त कर पायेंगे।

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