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न्याय शुल्क में दस गुना वृद्धि के विरोध में नो वर्क रखा

न्याय शुल्क में दस गुना वृद्धि के विरोध में नो वर्क रखा
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मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा न्याय शुल्क में 10 गुना तक की भारी वृद्धि के विरोध में आज सिविल बार ऐसोसिएशन से जुडे अधिवक्ताओं ने नो वर्क रखा तथा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनरल रूल्स सिविल को संशोधित करके न्याय शुल्क में वृद्धि के संदर्भ में हाईकोर्ट बैंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुपालन में एक आम सभा सिविल बार एसोसिएशन, मुजफ्फरनगर में सुगंध जैन की अध्यक्षता में आयोजित की गई जिसका संचालन ब्रिजेंद्र सिंह मलिक महासचिव द्वारा किया गया। ब्रिजेंद्र सिंह मलिक महासचिव द्वारा आम सभा को अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा न्याय शुल्क में 10 गुना तक की भारी वृद्धि कर उसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है । इससे वादकारियों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा तथा सस्ता व सुलभ न्याय का सिद्धांत बेमानी हो जाएगा। आम सभा द्वारा प्रस्तावित किया गया है कि उपरोक्त वृद्धि अविलंब वापस ली जानी न्यायोचित है । अपनी इस मांग के संबंध में एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित किया गया तथा न्याय शुल्क में की गई वृद्धि का विरोध करते हुए सिविल बार एसोसिएशन मुजफ्फरनगर के समस्त अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे।

इस अवसर पर नेत्रपाल सिंह, योगेंद्र सिंह, सत्यपाल नरेश, जितेंद्र पाल सिंह, डॉक्टर मीरा सक्सेना, राजसिंह रावत, प्रवीण खोकर, रामवीर सिंह, अनुराग त्यागी, आदेश सैनी, सतेंद्र कुमार, सुधीर गुप्ता, सोहनलाल, राकेश आदि अधिवक्ता गण उपस्थित रहे।

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