खादर में दहशत बन रही बारिश, एडीएम गजेन्द्र ने दस परिवारों को निकाला
खुद ट्रैक्टर पर चढ़कर परिवारों को बाढ़ के बीच से निकालकर सुरक्षित स्थान पर लाये एडीएम की हुई प्रशंसा
मुजफ्फरनगर। भयंकर बारिध का दौर बना रहने के कारण जनपद के खादर क्षेत्र में बाढ़ अब दहशत का पर्याय बनने लगी है। बाढ़ संभावित क्षेत्रों का अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार ने बुधवार को भी निरीक्षण किया। इस दौरान बाढ़ की चपेट में आये गांव बेंसला के 10 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया। खुद एडीएम वित्त इन परिवारों को गांव से बाहर लाये।
उत्तर भारत में लगातार हो रही बारिश से एक और जहां कई जनपदों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं तो वही मुजफ्फरनगर के जिला प्रशासन ने भी बाढ़ की तैयारियों को लेकर कमर कस ली है और अपर जिलाधिकारी राजस्व ने पुरकाजी क्षेत्र में पहुंचकर बाढ़ संभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेंद्र कुमार ने बताया कि पुरकाजी क्षेत्र से सोलानी नदी निकलती है। उस नदी में जलस्तर थोड़ा ऊपर आ गया है। अगल-बगल के खेतों में पानी के ठहराव की स्थिति बन गई है। गांव बैसली के कुछ घरों में सोनाली नदी का पानी आ गया था। वहां पर स्थित बाढ़ चैकी को सक्रिय कर दिया गया है और लगभग वहां से 10 परिवारों को शिफ्ट किया गया है।
कम्युनिटी किचन की व्यवस्था चालू की गई है। मेडिकल की एक टीम भी तैनात की गई है यदि किसी को स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत होती है तो उसका उपचार किया जा सकेगा। एडीएम वित्त गजेंद्र कुमार ने कहा कि जो नजदीक के गांव है सभी में अलर्ट जारी कर दिया गया है जैसे ही बाढ़ का पानी आने की स्थिति उत्पन्न होती है। तुरंत ही उनको नजदीकी शरणार्थी स्थल में स्विफ्ट करके रेस्कू की कार्यवाही की जाएगी।
एडीएम गजेंद्र कुमार ने कहा कि मैंने शुक्रताल क्षेत्र के सभी गांव का भी निरीक्षण किया है वहां पर अभी इस तरह का कोई संकेत नहीं है जिससे आबादी वाले क्षेत्रों को कोई परेशानी हो। अभी हमारे कृषि वाले क्षेत्र को परेशानी है। आबादी वाला क्षेत्र सुरक्षित है और अभी तक किसी तरह का कोई नुकसान की कोई खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि अन्य क्षेत्रों में अतिवृष्टि की वजह से कुछ घरों की छत और दीवार गिरने की शिकायतें प्राप्त हुई है जो भी शासन के मानक है उनके अनुसार उन्हें क्षतिपूर्ति की कार्यवाही की जा रही है। अपर जिला अधिकारी राजस्व ने बताया कि जनपद में 10 बाढ चैकियां हैं और 13 शरणार्थी स्थल बनाए गए हैं।