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मुजफ्फरनगर मे शूट हुई फ़िल्म गीता 9 जुलाई को कविता जोशी ऑफीशियल पर होगी रिलीज

फ़िल्म में कविता जोशी, हरियाणवी दिग्गज कलाकर और स्टार विक्की काजला, नवोदित कलाकार आदित्य राठी, बल्लू त्यागी,आकांक्षा चौधरी, बबली सांगवान, अतुल वत्सल, शेंकी अग्रवाल, राजवीर सिंह डांगी, उषा देवी, सचिन पाल, स्वाति, मुस्तकीम अली, तुसार राठी आदि की जबरदस्त अदाकारी देखने को मिलेगी।

मुजफ्फरनगर मे शूट हुई फ़िल्म गीता 9 जुलाई को कविता जोशी ऑफीशियल पर होगी रिलीज
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मुजफ्फरनगर। कविता जोशी ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर विकास बालियान के अभिनय से सजी और मुजफ्फरनगर के ही मंसूरपुर थाना क्षेत्र के सोंटा गांव निवासी आदित्य राठी को हीरो के रूप में लेकर बनी कविता जोशी की "गीता" फिल्म आ रही है फिल्म में सपना चौधरी, प्रांजल दहिया आदि के साथ कई हिट गाने दे चुके हरियाणा के सुपरस्टार विक्की काजला भी नजर आएंगे। फिल्म की शूटिंग मुजफ्फरनगर के ही कई क्षेत्रों में हुई है। खतौली नहर मुजफ्फरनगर के कई गांव और खेत खलियानो के साथ एसडी मेडिकल व द्वारका सिटी भी नजर आएंगे। फिल्म के निर्माण के दौरान थाना सिविल लाइन, मंसूरपुर थाना पुलिस, खतौली पुलिस का सहयोग रहा था।



बिजेन्द्र सोनी (#सोनिबरोजएफएक्सस्टूडियो) का जबरदस्त निर्देशन रहा है तो प्रियंका शर्मा असिस्टेंट निर्देशक के रूप में अपने काम से न्याय करने में सफल रही हसी। अब तक की बनी तमाम देहाती और हरियाणवी फिल्मों में इस फिल्म का निर्देशन किसी भी तरह से किसी भी रूप में कम नजर नहीं आएगा। कई बॉलीवुड में कैमरे से जौहर दिखा चुके डीओपी सिनेमेटोग्राफर राजेश हंस जी अपने कैमरे से इस फिल्म में चार चांद लगा दिए हैं एक-एक सीन को उभार कर रख दिया है लाइटिंग के साथ चला उनका कैमरा की जान बन गया है। शाहरुख, राजकुमार, मुकेश आदि स्पॉट बॉय रहे। रेडियो एसडी 90.8 एफएम , चीनी मिल मंसूरपुर, मास्टर हरपाल सिंह, पारस जैन जी चेयरमैन, अनुज सहरावत, जावेद कसेरवा, धर्मवीर राठी, राजेन्द्र राठी, सतेंद्र राठी, अमित कर्णी राठी, अमित राठी, कार्तिक चौधरी सोंटा व मंसूरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम वासियों, मंसूरपुर, खतौली व सिविल लाइन्स पुलिस,एसडी मेडिकल, सिद्धार्थ शर्मा जी व अन्य आदि का फ़िल्म निर्माण में सहयोग रहा।






इस फिल्म के निर्माण के दौरान विकास बालियान के पिता सुखपाल सिंह एडवोकेट की तबीयत बहुत खराब थी। और उन्होंने फिल्म में काम करने से इंकार कर दिया था। परंतु उनके पिता ने उन्हें जबरदस्ती कहा कि तुम इस फिल्म में काम करना और देखना मुझे कुछ नहीं होगा। जैसे ही 13 तारीख अप्रैल की रात को इस फिल्म की शूटिंग पूरी हो गई थ। उनके पिता ने 14 अप्रैल को अपनी आंखें मूंद ली थी। यह फिल्म पूरी तरह उन्हें समर्पित की गई ।



विकास बालियान का कहना है कि केवल जोड़ी को देखने के लिए फिल्म देखने वाले यह फिल्म ना देखें। यह फिल्म एक पारिवारिक सामाजिक और रिश्तो के ताने-बाने से बनी हुई मनोरंजन करने वाली फिल्म है जो प्रेरक भी है प्रेरणा भी देती है। इसलिए जिन्हें केवल जोड़ी से मतलब होता है वह फिल्म ना देखें... यह फिल्म कविता जोशी के लिए देखिए कि एक लड़की क्या-क्या कर सकती है। यह फिल्म महिला सशक्तिकरण की पहचान है के कैसे प्रतिकूल और विपरीत परिस्थितियां होने के बावजूद लोगों द्वारा लगातार परेशान करने के बावजूद कोई कैसे अपने अटल इरादों से अपनी मंजिल तक पहुंच जाता है।


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