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जिलो के उलेमाओ ने नकारी जुमे की नमाज का समय बढाने की एडवाईजरी

होली के कारण शबे बरात पर इस बार भी मीनाक्षी चौक पर नहीं होगा दीनी जलसा शुक्रवार को मुख्य मार्ग वाली मस्जिदों में विशेष निगरानी के लिए रहेगी व्यवस्था

जिलो के उलेमाओ ने नकारी जुमे की नमाज का समय बढाने की एडवाईजरी
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मुजफ्फरनगर। 18 मार्च को होली रंगोत्सव और शबे बरात तथा जुमे की नमाज एक साथ होने के कारण जहां जिला प्रशासन सुरक्षा बंदोबस्त को लेकर संवेदनशील बना हुआ है, वहीं जनपद में होली पर्व के कारण मुस्लिमों के द्वारा शबे बरात पर इस बार भी सार्वजनिक रूप से कोई बड़ा आयोजन करने से कदम पीछे खींच लिये गये हैं। वहीं जनपद के इमामों और उलेमाओं ने होली के कारण शबे बरात पर इस बार भी मीनाक्षी चौक पर नहीं होगा दीनी जलसा।

शुक्रवार को मुख्य मार्ग वाली मस्जिदों में विशेष निगरानी के लिए रहेगी व्यवस्था की उस एडवाइजरी को मानने से इंकार कर दिया, जिसमें होली के पर्व को देखते हुए जुमे की नमाज का वक्त कुछ आगे बढ़ाये जाने की बात कही गयी है। इसके साथ ही यह साफ कर दिया गया है कि शरीयत में नमाज का वक्त मुकर्रर है और इस्लाम को मानने वाले कुरान के साथ शरई एडवाइजरी पर चलते हैं इसलिए जिले में जुमे की नमाज अपने समय पर होगी। मुख्य मार्गों वाली मस्जिदों में इंतजामिया कमेटी से विशेष निगरानी के लिए कहा गया है। साथ ही सभी से आपसी सौहार्द्र और भाईचारे के साथ त्यौहार मनाने की अपील भी की गई।

बता दें कि 18 मार्च को जहां होली के त्यौहार का फाग (दुल्हैंडी) है, इस दिन सार्वजनिक अवकाश होने के कारण बाजार भी बंद रहते हैं और हर तरफ रंग व गुलाल की मस्ती घुली नजर आती है। इस दौरान होली के फाग के दिन ही शबे बरात का पर्व होने और जुमे का दिन होने के कारण जिला प्रशासन ने जनपद में विशेष सुरक्षा प्रबंध किये हैं। पुलिस प्रशासन ने इसके लिए संवेदनशील इलाकों और मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में पुलिस बल को तैनात किया है। ऐसे में जुमे की नमाज और होली का रंगोत्सव होने के साथ ही शाम को शबे बरात का पर्व मनाने के लिए मुस्लिमों के द्वारा मस्जिदों में इबादत की जाती है, इस दौरान सड़कों पर भी देर रात तक भारी चहल पहल रहती है। इसी को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट है।

वहीं होली का त्योहार आगामी 18 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन शुक्रवार है। यानी मुस्लिम समुदाय के लोग जुमे की नमाज अदा करेंगे। आमतौर पर मस्जिदों में नमाज का वक्त दोपहर के 12.30 से 1.30 के बीच रहता है। जबकि होली के मौके पर रंग खेलने का सिलसिला सुबह शुरू होता है और दोपहर 1.00 बजे के आसपास तक चलता है। यही वजह है कि इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील करते हुए मुस्लिम समुदाय के लिए एक एडवाइजरी जारी की। इस्लामी सेंटर आफ इंडिया की ओर से मौलाना खालिद रशीद फिरंगी ने इस एडवाइजरी में कहा कि 18 मार्च को होली है और इसी दिन जुमे की नमाज अदा की जाएगी। उसी दिन शब-ए-बरात भी है। एडवाइजरी में लोगों से अपील है कि जुमे के दिन तमाम मस्जिदों में खासतौर पर वो मस्जिदें जो सड़कों पर हैं। जहां पर नमाज का वक्त 12.30 से एक बजे के दरमियान का है, वहां आधे घंटे का वक्त बढ़ा लें। कोशिश ये की जाए कि मुसलमान जुमे की नमाज अपने मोहल्ले की मस्जिदों में ही पढ़ लें। जो बुजुर्गों के इसाले सवाब के लिए क्रबिस्तान जाते हैं। तो वो लोग 5 बजे के बाद कब्रिस्तान जाएं। ताकि किसी को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। हर हाल में अमन और अमान कायम रखें।

इस एडवाइजरी को लेकर जनपद में मुस्लिम धर्मगुरूओं की बैठक में गहन विचार किया गया और अंततः एडवाइजरी को मानने से इंकार करते हुए 18 मार्च को जुमे की नमाज के पूर्व निर्धारित समय में कोई भी फेरबदल करने से इंकार कर दिया गया है। जनपद में सभी मस्जिदों में जुमे की नमाज पूर्व के निर्धारित समय पर होगी। उत्तर प्रदेश इमाम संगठन के प्रदेशाध्यक्ष मुफ्ति जुल्फिकार ने बताया कि गत दिवस जोहड वाली मस्जिद खालापार में जिले के इमाम और उलेमा-ए-किराम की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें इस मसले पर विचार विमर्श किया गया। इसमें इस्लामी सेंटर ऑफ इंडिया की एडवाइजरी को लेकर भी चर्चा हुई और शरई व्यवस्था के तहत नमाज का समय बदलने से सभी ने इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि नमाजों का औकात (वक्त) अल्लाह की तरफ से तय है। इसमें कोई भी दुनियावी दखल या राय नहीं चलती है। इसी आधार पर जुमे की नमाजों का वक्त भी मुकर्रर है।

इस्लाम शरीयत और कुरान की एडवाइजरी पर चलता है, जिसमें नमाज वक्त पर पढ़ने की पाबंदी है। ऐसे में नमाज का वक्त होली के त्यौहार को देखते हुए बदलने का सवाल ही नहीं उठता है। जुमे के दिन नमाज 12.30 से 1.30 बजे तक किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शरीयत मुकम्मल मजहब है और इस्लाम में सभी लोगों व मजहबों का सम्मान है। दूसरों के हितों का ख्याल रखना भी इबादत है। उन्होंने बताया कि मीटिंग में इन्हीं चीजों को देखते हुए चर्चा हुई और तय किया गया कि 18 मार्च को जुमे की नमाज अपने समय पर अदा की जायेगी। इसके साथ ही मीटिंग में शबे बरात पर मीनाक्षी चौक पर होने वाले जलसे को निरस्त करने के साथ ही दूसरे स्थानो पर भी कोई सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करने की अपील की गयी है। उन्होंने बताया कि दो साल से कोरोना महामारी के कारण यह आयोजन नहीं हो पा रहा है। इस बार होली पर्व को देखते हुए अहतियातन यह जलसा निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि हिंदू और मुस्लिम सभी एक दूसरे के मजहबी जज्बात का पूरा-पूरा खयाल रखें। अपने मुल्क की गंगा जमुनी तहजीब और कम्यूनल हारमोनी के बुनियादी वसूलों पर अमल करते हुए किसी को एक दूसरे से किसी भी तरह की दिक्कत और परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि जनपद में ज्यादातर मस्जिदों में गली मुहल्लों में जुमे की नमाज अदा होती है, जबकि कुछ मस्जिद ही सड़कों पर हैं, वहां के इंतजामियों को कहा गया है कि वह अपनी अपनी मस्जिदों में ज्यादा भीड़ न होने दें और ज्यादातर लोग मौहल्ले की मस्जिदों में ही नमाज अदा करें।

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