डीआरडीओ की दवा बनेगी संकटमोचक

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) जो न सिर्फ देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जुटा है, बल्कि कोरोना महामारी के दौर में भी निरंतर हरसंभव मदद के प्रयासों में जुटा है। ऐसे समय में जब इसकी वैक्सीन की मांग काफी बढ़ गई हो और आपूर्ति बहुत कम हो, किसी ऐसी दवा की सख्त जरूरत महसूस की जा रही है, जो प्रतिदिन कोरोना के बढ़ रहे ग्राफ को तेजी से नीचे ला सके और लाखों देशवासियों की जान बचाई जा सके।
इस नई दवा के परीक्षण में जो नतीजे सामने आए हैं, उन्हें देखते हुए माना जा रहा है कि डीआरडीओ की प्रतिष्ठित प्रयोगशाला नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (आइएनएमएएस) द्वारा विकसित की गई 2-डीजी दवा कोरोना के इलाज में गेमचेंजर साबित हो सकती है। दावा किया गया है कि इस दवा के इस्तेमाल से मरीज जल्दी ठीक हो रहे हैं। दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआइ) द्वारा डीआरडीओ की बनाई हुई कोरोना की नई दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है।