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बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों का आयात

बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों का आयात
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नई दिल्ली। खाद्य तेलों के अधिक आयात की वजह से वनस्पति तेल का आयात मार्च में 13 प्रतिशत बढ़कर 11 लाख टन से अधिक हो गया। साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) ने कहा कि मार्च, 2022 में 11,04,570 टन (खाद्य तेल और अखाद्य तेल सहित) का आयात हुआ, जबकि मार्च, 2021 में यह 9,80,243 टन रहा था। मार्च, 2022 में खाद्य तेल का आयात बढ़कर 10,51,698 टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 9,57,633 टन था। वहीं अखाद्य तेल का आयात इसी अवधि में 22,610 टन से बढ़कर 52,872 टन हो गया।

तेल वर्ष 2021-22 के नवंबर 2021 से मार्च, 2022 के पहले पांच महीनों के दौरान वनस्पति तेलों का कुल आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 53,75,003 टन की तुलना में बढ़कर 57,95,728 टन हो गया। तेल वर्ष 2021-22 के पहले पांच महीनों के दौरान, रिफाइंड खाद्य तेल का आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 24,101 टन से तेज वृद्धि को दर्शाता हुआ 7,71,268 टन हो गया। कच्चे खाद्य तेल का आयात 52,16,225 टन से घटकर 48,71,650 टन रह गया।

एसईए ने कहा कि नवंबर 2021 से मार्च 2022 के दौरान, पाम तेल का आयात घटकर 26,53,253 टन रह गया जो नवंबर 2020 से मार्च 2021 के दौरान 30,90,559 टन रहा था। दूसरी ओर हल्के तेल का आयात नवंबर, 2020 से मार्च, 2021 के 21,49,767 टन से बढ़कर 29,89,665 टन हो गया। इसका मुख्य कारण सोयाबीन तेल का अधिक आयात होना था।

एसोसिएशन ने कहा कि पिछले महीने के दौरान 2,12,000 टन सूरजमुखी तेल जहाज से आया। इस आयात की खेप रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष शुरू होने के पहले ही भारत के लिए रवाना हो चुकी थी। यह आयात मुख्य रूप से यूक्रेन (1,27,000 टन), रूस (73,500 टन) और अर्जेंटीना (11,900 टन) से हुआ।

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