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अब पांच वायुसेना अधिकारियों की हत्या में होगा यासीन मलिक का फैसला

अब पांच वायुसेना अधिकारियों की हत्या में होगा यासीन मलिक का फैसला
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नई दिल्‍ली। टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक को दिल्ली की एन आई ए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। यासीन मलिक पर 30 साल पहले किए गए पांच एयरफोर्स अधिकारियों की हत्या का मामला भी चल रहा है। टाडा कोर्ट जम्मू ने यासीन मलिक समेत अन्य सात लोगों पर आरोप तय कर दिए हैं। यासीन मलिक आतंकी हमले में शहीद भारतीय वायुसेना अधिकारी रवि खन्ना की पत्‍नी निर्मल खन्ना ने टेरर फंडिंग मामले में एन आई ए कोर्ट के फैसले का स्‍वागत किया है।

निर्मल खन्ना ने बुधवार को कहा कि जिन जजों ने अपने विवेक के आधार पर यासीन को जो भी सजा सुनाई है। मैं उसका स्वागत करती हूं। वे लोग (न्‍यायाधीश) मुझसे ज्‍यादा अच्छी तरह से जानते हैं कि इस मामले में कौन सी सजा दी जानी चाहिए। अब हुकूमत को अपना काम करना है। मुझे पूरा विश्‍वास है कि एयरफोर्स अधिकारियों की हत्या के मामले में भी न्‍याय मिलेगा।

यह 25 जनवरी 1990 की घटना है। सुबह साढ़े सात बजे रावलपोरा में एयरफोर्स अधिकारी गाड़ी के इंतजार में सनत नगर क्रासिंग पर खड़े थे। अचानक आतंकियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी जिसमें तीन एयरफोर्स अधिकारी मौके पर ही शहीद हो गए जबकि महिला समेत 40 गंभीर रूप से जख्‍मी हो गए थे। दो अन्य अधिकारियों ने बाद में दम तोड़ दिया था। इस मामले में यासीन मलिक आरोपी है। सरकार ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी।

पांच एयरफोर्स अधिकारियों की हत्या के इस मामले में टाडा कोर्ट जम्मू की ओर से यासीन के अलावा अली मुहम्मद मीर, मंजूर अहमद सोफी उर्फ मुश्तफा, जावेद अहमद मीर उर्फ नालका, नाना जी उर्फ सलीम, जावेद अहमद जरगर व शौकत अहमद बख्शी पर आरोप तय किए जा चुके हैं। इस मामले में भी फैसला आना है। शहीद रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना को यकीन है कि यासीन मलिक पर लगाए गए आरोप सही साबित होंगे और अदालत से उन्हें इंसाफ मिलेगा।

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