undefined

किसानों के 13000 करोड़ रुपये दाबे बैठी हैं चीनी मिलें

किसानों के 13000 करोड़ रुपये दाबे बैठी हैं चीनी मिलें
X

खाद्य व उपभोक्‍ता मामले मंत्रालय के राज्‍यमंत्री डीआर दादाराव ने संसद को बताया कि चीनी मिलों पर किसानों के 75,585 करोड़ रुपये सत्र 2019-20 तक बकाए थे। इसमें से 62,591 करोड़ रुपये का भुगतान गन्‍ना किसानों को 11 सितंबर 2020 तक कर दिया गया। केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र के दौरान बताया कि बकाया 75,585 करोड़ रुपये में से किसानों को 62,591 करोड़ रुपये का भुगतान गन्ना सत्र 2019-20 के दौरान कर दिया है।

अब 11 सितंबर 2020 तक चीनी मिलों पर गन्‍ना किसानों का सिर्फ 13,000 करोड़ रुपये बकाया है। खाद्य व उपभोक्‍ता मामलों के राज्‍यमंत्री डीआर दादाराव ने लोकसभा में दिए लिखित जवाब में कहा कि अब चीनी मिलों पर किसानों के कुल 12,994 करोड़ रुपये बकाया हैं. बता दें कि गन्‍ना सत्र अक्‍टूबर में शुरू होता है। दादाराव ने संसद के निचले सदन को बताया कि चीनी मिलों पर 548 करोड़ रुपये मार्केटिंग सीजन 2018-19 (अक्‍टूबर-सितंबर) का, 242 करोड़ 2017-18 का और 1899 करोड़ रुपये 2016-17 का बकाया है।

इस तरह चीनी मिलों पर अब तक गन्‍ना किसानों के कुल 15,683 करोड़ रुपये बाकी हैं। उन्‍होंने बताया, 'उत्‍तर प्रदेश सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, बजाज हिंदुस्‍तान की 14 मिलों पर किसानों के 5339 करोड़ रुपये सुगर सीजन 2019-20 के बकाया हैं। इनमें से 2,378 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है यानी कंपनी पर गन्‍ना किसानों का 2,961 करोड़ रुपये का भुगतान बाकी है। राज्‍यमंत्री दादाराव ने कहा कि चीनी मिलों की ओर से गन्‍ना किसानों को भुगतान करने की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। हालांकि, पिछले सत्र में चीनी के बंपर उत्‍पादन के कारण कीमतों पर काफी बुरा असर पड़ा। इससे चीनी मिलों के सामने नकदी संकट पैदा हो गया था।

इससे चीनी मिलों पर किसानों का बकाया बढ़ता चला गया। उन्‍होंने कहा कि चीनी मिलों की माली हालात सुधारकर किसानों के बकाया भुगतान में मदद के लिए केंद्र सरकार ने पिछले तीन चीनी सत्रों के दौरान कई अहम कदम उठाए। चीनी मिलों को निर्यात में मदद की गई। बफर स्‍टॉक के रखरखाव में सरकार ने चीनी मिलों की मदद की। वहीं, बकाया भुगतान के लिए चीनी मिलों को बैंकों से लोन दिलाया गया। आपको बता दें गन्ना का शुमार नकद फसल में होता है। पश्चिम यूपी के अधिकतर जनपदों में गन्ना आधारित कृषि किसानों की आय का मुख्य स्रोत माना जाता है।

Next Story