undefined

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का एलवीएम-एम3/वनवेब-इंडिया 2 मिशन सफल

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को यहां शार रेंज से एक समर्पित दूसरे वाणिज्यिक प्रक्षेपण में एलवीएम-एम3 मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का एलवीएम-एम3/वनवेब-इंडिया 2 मिशन सफल
X

श्रीहरिकोटा-भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को यहां शार रेंज से एक समर्पित दूसरे वाणिज्यिक प्रक्षेपण में एलवीएम-एम3 मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया, मिशन में ब्रिटेन वनवेब के सभी 36 उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में (एलईओ) में स्थापित किया गया। एलवीएम-3 रॉकेट ने साढ़े 24 घंटे की उलटी गिनती के बाद शार प्रक्षेपण केंद्र के दूसरे नंबर के लांच पैड से सुबह नौ बजे निर्धारित समय पर उड़ान भरी और उपग्रहों को एलईओ कक्षा में स्थापित किया। 36 उपग्रहों का कुल वजन लगभग 5,805 किलोग्राम था। इसरो ने कहा कि उड़ान के लगभग 20 मिनट बाद सभी 36 उपग्रहों को प्रक्षेपण यान से अलग किया गया और चरणबद्ध तरीके से 450 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया। इसरो ने कहा कि वर्तमान मिशन, एलवीएम3-एम3, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) द्वारा ब्रिटेन के लिए दूसरा समर्पित वाणिज्यिक उपग्रह मिशन है। इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने मिशन कंट्रोल सेंटर के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए इस सफल मिशन के लिए एनएसआईएल, इसरो और वनवेब को बधाई दी। उन्होंने कहा कि श्रृंखला के पहले 16 उपग्रहों को सही कक्षा में स्थापित किया गया है। शेष उपग्रहों की पुष्टि जल्द ही प्राप्त होगी। उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि इसरो के भारी उपग्रह वाहन ने अच्छा प्रदर्शन किया और अंतरिक्ष यान को सही कक्षा में स्थापित किया। उन्होंने इस प्रक्षेपण यान की विश्वसनीयता की सफलता पर काम करने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को भी धन्यवाद दिया। एलवीएम-3 इसरो के सबसे भारी रॉकेट वाहक वाहन जीएसएलवीएमके-III का नया नाम है, जो कक्षा में सबसे भारी उपग्रहों को स्थापित करने की क्षमता रखता है। इसरो के लिए पिछले महीने सफल एसएसएलवी-डी2/ईओएसओ7 मिशन के बाद 2023 में यह दूसरा प्रेक्षपण है।

Next Story