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कोरोना से मुक्ति के बावजूद 30 फीसदी लोगों को मानसिक पीडा

क अनुमान के अनुसार कोरोना दिमागों पर छाया है और इससे ठीक होने के बाद भी लगभग 30 प्रतिशत लोग तमाम मानसिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। 

कोरोना से मुक्ति के बावजूद 30 फीसदी लोगों को मानसिक पीडा
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नई दिल्ली। कोरोना संकट लोगों की सेहत को कई तरह से प्रभावित कर रहा है। एक अनुमान के अनुसार कोरोना दिमागों पर छाया है और इससे ठीक होने के बाद भी लगभग 30 प्रतिशत लोग तमाम मानसिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

कोरोना को लेकर जहां रोज नई बातें सामने आ रही हैं वहीं चिकित्सकों का कहना है कि तमाम लोगों के दिमाग में कोरोना का भूत बैठ गया है। यहां तक कि कोराना से ठीक होने के बावजूद दोबारा संक्रमित होने की आशंका के अलावा दिमागी थकावट और तनाव तथा शरीर में ऊर्जा का ह्रास लोगों की परेशानी का कारण बना है। तमाम लोगों को ऐसी परेशानियों से जूझना पड रहा हैं। यह गंभीर मानसिक समस्या लोगों के दिमाग पर छाई हंै। जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो रही हैं उनका इलाज किया जा रहा है। करीब 40 फीसदी मरीज चिंता के कारण नींद न आना, घबराहट, भय, मानसिक थकावट, तनाव, अचानक पूरे शरीर में कंपकंपी होना, घुटन की हद तक सांस फूलने जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्हे डर है कि अगर दोबारा संक्रमित हो गए तो क्या होगा। इसीलिए उन्हे सकारात्मक सोच और प्रतिदिन योग करने की सलाह उन्हें दी जा रही है।

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