पंद्रह साल बाद परिवार के पास स्पेशल ट्रेन से घर जाएगी अनुराधा
पंद्रह वर्ष पूर्व अपने परिवार से बिछडी अनुराधा (बदला हुआ नाम) को न्यायालय के सहारे अब अपने परिवार से मिलने का मौका मिलेगा।
बिलासपुर। पंद्रह वर्ष पूर्व अपने परिवार से बिछडी अनुराधा (बदला हुआ नाम) को न्यायालय के सहारे अब अपने परिवार से मिलने का मौका मिलेगा। स्पेशन टेªन से उसे परिवार के पास भेजा जा रहा है। इसे लेकर परिजन उत्साहित हैं।मानसिक रूप से अस्वस्थ 33 वर्षीय अनुराधा करीब 15 साल से अपने परिजन से दूर हैं। उसे अस्वस्थ स्थिति में तीन वर्ष पहले कोरबा पुलिस ने कोर्ट के निर्देश पर सेंदरी स्थित मानसिक चिकित्सालय में भर्ती कराया था। मामले का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने मामले की जांच कराई तो एक युवक ने बताया कि उनकी बहन 14 वर्ष पहले गुम हो गई है और उसकी दिमागी हालत भी ठीक नहीं थी। उनके द्वारा फोटो पहचान के लिये भी भेजी गई, जिस पर अस्पताल द्वारा पहचान कर ली गई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने पश्चिम बंगाल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को इस बात की सूचना दी और खोजबीन करने कहा।
अब कोर्ट के निर्देश पर स्पेशल ट्रेन से विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी अनुराधा को उनके घर चैबीस परगना पश्चिम बंगाल के लिए लेकर रवाना हो रहे हैं। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों के समन्वय से अनुराधा को स्पेशल ट्रेन से उनके गांव पहुंचाने दो राज्यों के विधिक सेवा प्राधिकरण के बीच पत्र व्यवहार के बाद चीफ जस्टिस के प्रयास से यह संभव हो पाया।