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बाबरी विध्वंस में सभी आरोपी बरी

हाईकोर्ट के पुराने परिसर में स्थित सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने मामले में फैसला सुनाया।

बाबरी विध्वंस में सभी आरोपी बरी
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लखनऊ। छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में 28 साल बाद आज अदालत ने फैसला सुनाते हुए मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने यह कहा कि उक्त घटना पूर्व नियोजित नहीं थी।

सीबीआई अदालत ने बाबरी विध्वंस केस में भाजपा तथा विश्व हिंदू परिषद के वयोवृद्ध नेताओं- लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है। आज इस मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा, घटना पूर्वनियोजित नहीं थी। अदालत ने कहा कि सीबीआई ने जो वीडियो दाखिल की थी, उसमें छेडछाड की गई थी। कोर्ट ने कहा कि वीडियो को सीलबंद लिफाफे में नहीं जमा किया गया था। हाईकोर्ट के पुराने परिसर में स्थित सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने मामले में फैसला सुनाया। इस फैसले को चलते आज पूरे उत्तर प्रदेश में कडे सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। इससे पूर्व विशेष जज एसके यादव ने सभी अभियुक्तों के हाजिर होने की जानकारी पेशकार से मांगी। आरोपियों के वकील ने सभी मौजूद और अनुपस्थित आरोपियों की जानकारी जज एसके यादव को दे दी। पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह,पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती कोर्ट में मौजूद नहीं रहे। उन्होंने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसला सुना। हालांकि विनय कटियार, राम विलास वेदांती, साक्षी महाराज, साध्वी ऋतंभरा कोर्ट आदि 26 आरोपी पहुंचे।

विशेष अदालत ने लालकृकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी व कल्याण सिंह समेत सभी 32 अभियुक्तों को उपस्थित रहने को कहा था। हालांकि कोरोना के चलते इनमें कुछ अभियुक्तों ने हाजरी माफी का आवेदन दिया। मामले में 49 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। इसमें से 17 की मौत हो चुकी है। सीबीआई व अभियुक्तों के वकीलों ने करीब आठ सौ पन्ने की लिखित बहस दाखिल की थी। इससे पहले सीबीआई ने 351 गवाह व करीब 600 से अधिक दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए। 30 सितंबर, 2019 को सुरेंद्र कुमार यादव जिला जज, लखनऊ के पद से सेवानिवृत्त हुए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें फैसला सुनाने तक सेवा विस्तार दिया था। विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव के कार्यकाल का अंतिम फैसला 30 सितंबर को किया गया। सीबीआई के वकील ललित सिंह के मुताबिक कि यह उनके न्यायिक जीवन में किसी मुकदमे का सबसे लंबा विचारण है। वह इस मामले में वर्ष 2015 से सुनवाई कर रहे हैं।

इससे पहले एक टीवी चैनल से बात करते हुए विनय कटियार ने साफ कहा कि हमने कोई अपराध किया ही नहीं है। उन्होेंने कहा कि जर्जर ढांचा था गिर गया। उन्होंने कहा कि प्रभु राम का विरोध करना कांग्रेस को भारी पडा। उन्होंने कहा कि सजा होगी तो जेल जाएंगे, छूटते हैं तो देखेंगे। बेल होगी तो लेंगे। वहां पर मंदिर था और मंदिर बनेगा। सोमनाथ मंदिर की तरह बढ़िया मंदिर बनेगा, ऐसी कल्पना है। उसके लिए काम जारी है। साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि पांच सौ साल रामलला के मंदिर के लिए संघर्ष चला। उन्होंने कहा कि षडयंत्र के आरोप गलते हैं। राम जी करा रहे हैं राम जी का काम है। हम तो षड्यंत्र नहीं मंत्र वाले हैं। रामजी का काम किया और अब उनकी ही मर्जी से उनके हाथों में सौंप दिया। एक अन्य आरोपी जय भगवान गोयल ने कहा कि अदालत फांसी की सजा भी सुना दे तो गम नहीं है। दूसरी ओर बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा थां कि अब इस मुकदमे को समाप्त कर देना चाहिए। कोर्ट को चाहिए वह सभी को बरी कर दे. उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट से फैसला मंदिर के हक में आ चुका है। बाबरी केस में फैसले के मद्देनजर अयोध्या में जगह-जगह मीडिया पर प्रतिबंध लगाया गया था। सिर्फ बिरला मंदिर, नया घाट व रामघाट पर ही मीडिया को अनुमति दी गई। टेढ़ी बाजार चैराहे पर मीडिया को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया था।

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