अम्मा नहीं रहीं.........नहीं नहीं अम्मा जिंदा हैं
अस्तपाल को सुध आया तो दो घंटे बाद उसने अपनी गलती सुधारी।
जबलपुर । एक महिला के मरने की सूचना परिजनों को दी गई, लेकिन वह जीवित थी। बाद में अस्तपाल को सुध आया तो दो घंटे बाद उसने अपनी गलती सुधारी।
सूत्रों के अनुसार बाबाटोला निवासी 60 वर्षीय वृद्धा कोरोना संदिग्ध होने पर मेडिकल के वार्ड नंबर तीन में भर्ती हुई थीं। रविवार को अस्पताल से उनके बेटे के पास फोन पर सूचना दी जाती है कि उनकी मृत्यु हो गई है, शव लेने की कार्यवाही करने मेडिकल आ जाएं। खबर मिलने पर रिश्तेदार भी आने लगे। इसके दो घंटे बाद फिर फोन पर उन्हें बताया गया कि माताजी जीवित हैं, हालत थोड़ी सीरियस है।
सुरेश कुछ परिजनों के साथ मेडिकल पहुँचे तो उन्हें बताया गया कि सांस बंद हो गई थी, पम्पिंग करने पर स्थिति संभल गई। इस बात का जवाब कोई नहीं दे सका कि सब प्रयास करने के बाद ही ऐसी खबर दी जाती है, तो पहले क्यों दी? वार्ड में पाॅजिटिव व सस्पेक्ट दोनों मरीज हैं, वहाँ किसी परिजन को जाने की इजाजत नहीं है, फिर भी मां से मिलने की जिद करने पर सुरेश को पीपीई किट पहनाकर अंदर जाने इजाजत दी गई।