केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को कहा- दो साल के लिए बढ़ाया जा सकता है कर्ज स्थगन
उच्चतम न्यायालय ने महामारी के बीच कर्ज भुगतान पर रोक की अवधि के दौरान ब्याज दरों को माफ करने की याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करने की बात कही है।
नई दिल्ली। कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों को ईएमआई भुगतान के बोझ से राहत मिल सकती है। केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है को लोन मोरेटोरियम दो साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने महामारी के बीच कर्ज भुगतान पर रोक की अवधि के दौरान ब्याज दरों को माफ करने की याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करने की बात कही है।
बैंको से लिए गए कर्ज की ईएमआई भुगतान के स्थगन के आदेश पहले दिए गए थे। यह सुविधा 31 अगस्त को खत्म हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक कई बैंक इसे बढ़ाए जाने के पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि कई लोग इस सुविधा का अनुचित लाभ ले रहे हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक की मोरेटोरियम योजना को दिसंबर तक बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से एक हफ्ते में स्पष्टीकरण मांगा था और कहा था कि लाॅकडाउन आपने लगाया है तो आरबीआई के नाम पर जिम्मेदारी से नहीं बच सकते हैं। याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि कोरोना संकट में कठिन आर्थिक हालातों का दौर खत्म नहीं हुआ है।