नया स्ट्रेन दे रहा धोखाः रिपोर्ट नेगेटिव होने पर भी मिल रहे पाॅजिटिव
संभव है कि वायरस ने उनकी नाक और गले में अपनी जगह बनाई ही न हो। इस कारण नाक या गले से लिए गए स्वाब सैंपल की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ रही है।

नई दिल्ली। कोरोना के नये स्ट्रेन से चिकित्सक और जांच प्रणाली भी धोखा खा रही है। इसके चलते कोरोना के लक्षण होने के बावजूद बहुत लोगों की आरटीपीसीआर जांच नेगेटिव आ रही है। ऐसे लोगांे को सलाह दी गई है कि अगर किसी को कोरोना जैसे लक्ष्ण है तो ऐसे लोग घर पर ही एकांतवास में रहें। ऐसे मामलों में वायरस के गले और नाक से स्थान बदलकर शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंचने की आशंका रहती है। लंग्स में इंफेक्शन की स्थिति में सीटी स्कैन ही जांच में सही स्थिति बताता है।
सूत्रों के अनुसार अशोक नगर निवासी अंकित फ्रांसिस को पांच दिनों से तेज बुखार, खांसी, जुकाम, बदन दर्द और डायरिया की समस्या है। कोरोना संक्रमण की आशंका चलते उन्होंने पांच दिन बाद अपनी आरटीपीसीआर जांच कराई लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव निकली। इसके बावजूद डाॅक्टर ने उन्हें पाॅजिटिव मानते हूए आराम की सलाह दी। इस दौरान एम्स मेडिसिन विभाग के डाॅक्टर नीरज निश्चल का कहना है कि कई ऐसे मरीज आ रहे हैं जिनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव है, लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से उनका हाई रेजोल्यूशन सीटी किया जा रहा है। इसमें फेफड़ों में कोरोना के गंभीर संक्रमण की पुष्टि हो रही है। चिकित्सकों के अनुसार गलत कोरोना रिपोर्ट आने के पीछे एक आशंका यह भी है कि वायरस ने शरीर में स्थान भी बदल लिया हो। इंस्टिट्यूट आॅफ लिवर एंड बाइलियरी साइंसेज में क्लिनिकल माइक्रोबायोलाॅजी की प्रोफेसर डाॅक्टर प्रतिभा काले का कहना है कि जिन मरीजों की रिपोर्ट गलत आ रही है, संभव है कि वायरस ने उनकी नाक और गले में अपनी जगह बनाई ही न हो। इस कारण नाक या गले से लिए गए स्वाब सैंपल की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। उन्होंने कहा कि साल बदलने के साथ ही बदले रूप वाले कोरोना से निपटने में हमें मशक्कत करनी होगी।
चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना वायरस का रूप बदलने की वजह से आरटीपीसीआर जांच किट बनाने वाली कंपनियां उनमें बदलाव कर रही हैं ताकि यह नए स्ट्रेन वाले कोरोना वायरस को भी पकड़ सके।