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प्रधान न्यायाधीश पूछ बैठे ऐसा सवाल कि वर्चुअल कोर्ट रूम में छाया सन्नाटा

प्रधान न्यायाधीश पूछ बैठे ऐसा सवाल कि वर्चुअल कोर्ट रूम में छाया सन्नाटा
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दिल्ली। वर्चुअल कोर्ट रूम में ऐसा वाकया पेश हुआ जो काफी दिनों तक लोगों के ज़हन में ताज़ा रहेगा। पशु साम्राज्य को कानूनी व्यक्ति घोषित करने की याचिका पर कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा कि जानवरों को विभिन्न कानूनों के तहत संरक्षण प्राप्त है। इस पर याचिकाकर्ता ने धार्मिक ग्रंथों का हवाला देते हुए तर्क दिया कि धार्मिक ग्रंथों में इस बात का जिक्र है कि जानवर और इंसान बराबर होते हैं। इसके बावजूद बेजुबान जानवरों को मनुष्यों के दुर्व्यवहार के चलते मानसिक और शारीरिक रूप से गंभीर नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने याचिकाकर्ता से कहा, जानवर इंसानों के बराबर नहीं हैं। उन्‍होंने पूछा कि क्या आपका कुत्ता आपके बराबर है? सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर याचिकाकर्ता की बोलती बंद हो गई। मुख्य न्यायाधीश ने आगे सवाल किया कि क्या आप चाहते हैं कि हम जानवरों को मुकदमा चलाने में सक्षम घोषित करें और उन पर मुकदमा चलाया जाए? याचिकाकर्ता का कहना था कि जानवरों को संपत्ति के रूप में माना जाता है इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या आपका कुत्ता आपके बराबर है? कोर्ट ने कहा कि जानवरों को विभिन्न कानूनों के तहत संरक्षण प्राप्त है। कोर्ट ने कहा कि क्या हम पेड़ों को भी कानूनी संस्था बना सकते हैं ? हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा यह संभावना नहीं है कि हम पशु साम्राज्‍य यानी एनिमल किंगडम को कानूनी व्यक्ति घोषित करने की आपकी मांग को मान लेंगे।

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