undefined

ठीक होने के बाद भी फेफडों को कमजोर कर रहा कोरोना

ठीक होने के बाद भी कई लोगों को सांस लेने में परेशानी, चक्कर आने, थकान, हल्के बुखार, जोड़ों में दर्द और उदासी जैसे लक्षण दंेखने में आ रहे हैं।

ठीक होने के बाद भी फेफडों को कमजोर कर रहा कोरोना
X

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के आफटर इफेक्टस लोगों को परेशान कर रहे हैं। ऐसे में ठीक होने के बाद भी कई लोगों को सांस लेने में परेशानी, चक्कर आने, थकान, हल्के बुखार, जोड़ों में दर्द और उदासी जैसे लक्षण दंेखने में आ रहे हैं।

पोस्ट कोविड सिम्पटम से काफी लोग परेशान नजर आ रहे हैं। भारत नहीं, विदेशों में भी लोगों ने जो अपने अनुभव बताए है उनमें कुछ ना कुछ नई बीमारियों का मामला सामने आ रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कोविड-19 रिपोर्ट निगेटिव आने के तीन दिन बाद चक्कर आने और बदन दर्द की शिकायत पर एम्स में भर्ती कराया गया था। हालांकि आज उन्हें छुट्टी दे दी गई। ऐसे मामलों को देखते हुए दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशिएलिटी हाॅस्पिटल में कोविड से ठीक होने के बाद भी परेशानी महसूस कर रहे मरीजों का इलाज करने के लिए पोस्ट-कोविड क्लीनिक भी बनाया गया है। चिकित्सकों का कहना है कि कई मरीजों में रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी तमाम तरह के लक्षण बने हुए हैं। उन्हें थकान, सांस लेने में परेशानी, चक्कर आना और बेहोशी जैसे समस्याओं का सामना करना पड रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि जिस मरीज में कोविड का संक्रमण जितना अधिक होता है उसमें ठीक होने के बाद उतने ही विपरीत लक्षण देखने को मिलते है, दूसरी ओर हल्के-फुल्के संक्रमण वाले लोगों को भी बाद में कमजोरी की शिकायत सामान्य बात है।

चिकित्सकों का कहना है कि कोविड-19 के मरीजों में पल्मनरी फाइब्रोसिस को लेकर आ रही है, जो फेफड़ों से जुड़ी है। ऐसे में जिन लोगों के फेफड़े ठीक से काम नहीं करते, उनमें पल्मनरी फाइब्रोसिस की समस्या हो सकती है। इसके चलते फेफड़ों की आॅक्सीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है और उनमें सांस फूलने की परेशानी लंबे समय तक रह सकती है और गंभीर स्थिति में उन्हें आॅक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है। एक प्रतिशत में जिंदगीभर फेफड़ों संबंधी परेशानी रह सकती है। उनके फेफड़े कमजोर हो जाते हैं और आगे भी किसी अन्य संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं. इन्हें लंबे समय के लिए अपना इलाज कराना पड़ेगा।

Next Story