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नीट परीक्षा में फेल होने के डर से 12वीं की टॉपर ने की आत्महत्या

कनिमोझी परीक्षा को लेकर उदास थी क्योंकि उसे डर था कि वह कक्षा 12वीं की परीक्षा में बहुत अच्छा स्कोर करने के बाद भी डाक्टर नहीं बन पाएगी। बता दें कि विक्रमंगल पुलिस ने मौत की जांच शुरू कर दी है।

नीट परीक्षा में फेल होने के डर से 12वीं की टॉपर ने की आत्महत्या
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चेन्नई। तमिलनाडु में नीट की एक और परीक्षार्थी ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में फेल होने के डर से आत्महत्या कर ली। वह बारहवीं की टॉपर रह चुकी थी।

यह उसी दिन कि बात है, जब तमिलनाडु विधानसभा ने मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए नीट को समाप्त करने के लिए एक विधेयक को अपनाया था। दरअसल, कनिमोझी ने रविवार को नीट यूजी 2021 की परीक्षा तो दी थी, लेकिन अच्छा प्रदर्शन नहीं करने को लेकर चिंतित थीं। रिश्तेदार बताते हैं कि कनिमोझी परीक्षा से आने के बाद अपने कमरे में जाकर सो गई और सोमवार की सुबह उन्हें छत से लटका हुआ पाया गया। कनिमोझी परीक्षा को लेकर उदास थी क्योंकि उसे डर था कि वह कक्षा 12वीं की परीक्षा में बहुत अच्छा स्कोर करने के बाद भी डाक्टर नहीं बन पाएगी। बता दें कि विक्रमंगल पुलिस ने मौत की जांच शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि तमिलनाडु विधानसभा ने सोमवार को राष्ट्रीय प्रवेश-सह-पात्रता परीक्षा (नीट) को खत्म करने और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए कक्षा 12वीं के अंकों के आधार पर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक विधेयक को अपनाया है। एआईडीएमके शासन के दौरान इसी उद्देश्य के लिए 2017 में विधेयक पारित किया गया था। किंतु इसे राष्ट्रपति की सहमति नहीं मिली थी। इस बार मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधेयक पेश किया और कांग्रेस जैसे अन्य लोगों के अलावा मुख्य विपक्षी एआईएडीएमके और उसके सहयोगी पीएमके सहित सभी दलों ने इसका समर्थन किया और इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।

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