दलित महिला से गैंगरेप, पर 3 दिन तक रिपोर्ट ना लिखे जाने पर पीड़िता ने की खुदकुशी
पीड़िता की दो भतीजियों ने बताया था कि आरोपियों ने उसे पकड़ा और छेड़ा था, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं की कि उसके साथ बलात्कार हुआ है।

भोपाल। हाथरस के बाद अब मध्य प्रदेश में दरिंदगी और पुलिस लापरवाही का एक और दर्दनाक किस्सा सामने आया है। पुलिस ने तीन दिन तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की तो गैंगरेप पीडिता ने आत्म हत्या कर ली।
सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में चिचली थाना क्षेत्र में एक और गैंगरेप का मामला सामने आया है। दुष्कर्म की शिकार 32 वर्षीय दलित विवाहिता ने गत दिवस आत्महत्या कर ली। आरोप है कि उक्त महिला के साथ चार दिन पहले तीन लोगों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया था। गैंगरेप के बाद पुलिस ने कई दिनों तक मामला दर्ज नहीं किया। बताया गया है कि इससे परेशान होकर पीड़िता ने खुदकुशी कर ली। उसके परिवारजनों का आरोप है कि पुलिस ने शिकायत के बावजूद तीन दिन में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया। मामले की जानकारी मिलने के बाद इसे गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने उसे चैकी प्रभारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं, जिसने रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी। मामले को लेकर दो पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। घटना स्थल गोटटोरिया पुलिस चैकी के प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक मिश्रीलाल कोडपे को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पैंड कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार गैंगरेप के आरोप में तीन आरोपियों अरविंद चैधरी, परसू चैधरी और अनिल राय के खिलाफ भादंवि की धारा 376-डी के तहत मामला दर्ज कर एक आरोपी अरविंद को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दो अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस छापे मारी कर रही है। पुलिस के अनुसार महिला सोमवार को घास काटने अपनी दो भतीजियों के साथ खेत में गई थी। वहां उसके साथ बलात्कार किया। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना था कि पीड़िता की दो भतीजियों ने बताया था कि आरोपियों ने उसे पकड़ा और छेड़ा था, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं की कि उसके साथ बलात्कार हुआ है। दोनों लड़कियों ने पुलिस को बताया कि जब उन्होंने घटना के वक्त चिल्लाना शुरू किया तो आरोपी वहां से भाग गए।