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गृह मंत्रालय ने आपराधिक कानूनों में व्यापक संशोधन पर मांगे सुझाव

गृह मंत्रालय ने आपराधिक कानूनों में व्यापक संशोधन पर मांगे सुझाव
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नई दिल्ली।काफी अरसे से अलग-अलग फोरम पर यह बात उठ रही है की कानूनों में संशोधन होना आवश्यक है। कई कानून वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए खेल अप्रासंगिक हो चुके हैं जिन्हें हटाया जाना जरूरी है। वहीं कुछ नए कानून बनाने की जरूरत भी महसूस हो रही है। इन्हें लेकर गृह मंत्रालय ने व्यापक संशोधन पर राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों, प्रधान न्यायाधीश और विभिन्न हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से सुझाव मांगे हैं।

राज्यसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को कहा कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली के कुलपति की अध्यक्षता में आपराधिक कानूनों में सुधार पर सुझाव देने के लिए एक समिति गठित की गई है।

गृह राज्यमंत्री ने एक सवाल के लिखित उत्तर में जानकारी देते हुए कहा कि 'गृह मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों, सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश, विभिन्न हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, विभिन्न राज्यों के बार काउंसिल और विभिन्न विश्वविद्यालयों व विधि संस्थानों से आपराधिक कानूनों में व्यापक संशोधन पर सुझाव मांगे हैं।' जी किशन रेड्डी ने कहा कि मंत्रालय विभिन्न भागीदारों के साथ परामर्श कर समिति की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद इस संबंध में कोई फैसला लेगा। उम्मीद है कि आने वाले समय में इस कवायद के अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।


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