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लाॅक डाउन से देश की अर्थव्यवस्था को झटका

आर्थिक महाशक्ति बनाने के सपने को मौजूदा हालात ने झटका दिया है और देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट आई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि करीब दो करोड़ लोग फिर से गरीबी की श्रेणी में जा सकते हैं।

लाॅक डाउन से देश की अर्थव्यवस्था को झटका
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नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ने देश के लाखों-करोड़ों लोगों के रोजगार को सीधे प्रभावित किया है। इसका सीधा असर देश और आम आदमी की अर्थव्यवस्था पर पडा है। कोरोना से पूर्व लाखों लोगों को गरीबी से बाहर लाने की मुहिम को इससे झटका लगा है। आर्थिक महाशक्ति बनाने के सपने को मौजूदा हालात ने झटका दिया है और देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट आई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि करीब दो करोड़ लोग फिर से गरीबी की श्रेणी में जा सकते हैं।

लाॅकडाउन के बाद देश में तमाम आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। सूरत की कपडा मिलों में उत्पादन घटकर 1/10 रह गया है। वहां हजारों कुशल साडी कामगार अब सब्जियां और दूध बेचने पर मजबूर हैं। बाजारों में सन्नाटा पसरा है। पिछली एक तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 24 प्रतिशत तक सिकुड़ी है उससे भारत के दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होेन के रूप पर संकट मंडरा सकता है। लाॅकडाउन सख्घ्त तो था मगर उसमें कई खामियां थीं। इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान तो पहुंचा ही, वायरस भी तेजी से फैला। भारत में अब कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और रोज 80 हजार से ज्यादा नए केस आ रहे हैं। देश की आर्थिक स्थिति पहले से ही डांवाडोल चल रही थी।

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