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न्यूज क्लिक फाउंडर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी अवैध: सुप्रीम कोर्ट

न्यूज क्लिक फाउंडर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी अवैध: सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ की गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत की गई गिरफ्तारी को अवैध ठहराते हुए बुधवार को उन्हें तुरंत रिहा करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने पुरकायस्थ द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश जारी किया। अदालत ने पाया कि पुरकायस्थ की गिरफ्तारी बिना उचित कारण बताए की गई थी, जो कानून के विपरीत है।

प्रबीर पुरकायस्थ का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने रखा, जबकि दिल्ली पुलिस की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलीलें दीं। अदालत के इस आदेश पर राजू ने कहा कि गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने के बाद भी पुलिस को भविष्य में कानून के तहत गिरफ्तारी का अधिकार रहेगा। इस पर न्यायालय ने कहा, 'आपको कानून के अनुसार जो भी करना है, वह कर सकते हैं।' पुरकायस्थ और न्यूज़क्लिक के एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती ने यूएपीए के तहत दर्ज मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी, जिसमें उन पर चीन के एक व्यक्ति से 75 करोड़ रुपये प्राप्त करने का आरोप लगाया गया था, जिसका उद्देश्य देश की अखंडता और स्थिरता को खतरे में डालना था।

इस मामले में 17 अगस्त 2023 को एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें पुरकायस्थ और अन्य के साथ-साथ चीन निवासी नेविल रॉय सिंघम का भी नाम शामिल था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उन्होंने गिरफ्तारी के समय एफआईआर की प्रति की मांग करते हुए अवैध हिरासत की शिकायत नहीं की थी। दिल्ली पुलिस की एफआईआर के अनुसार, न्यूज़क्लिक पर चीनी प्रोपगैंडा फैलाने और देश की संप्रभुता को खतरे में डालने का आरोप है। इसके अलावा, प्रबीर पुरकायस्थ पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म के साथ साजिश रचने का भी आरोप है।

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