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देश में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन की तैयारी

12 मई को, डीसीजीआई ने भारत बायोटेक को दो साल से कम उम्र के बच्चों पर कोवैक्सिन के दूसरे और तीसरे चरण का परीक्षण करने की अनुमति दी थी। यह ट्रायल बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से कैटेगरी में बांटकर किया जाता है, जिसमें हर उम्र के 175 बच्चों को शामिल किया गया है

देश में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन की तैयारी
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नई दिल्ली। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से पहले बच्चों के लिए वैक्सीन तैयार करने पर तेजी से काम हो रहा है। एम्स के निदेशक डा रणदीप गुलेरिया का कहना है कि बच्चों पर भारत बायोटेक के कोवैक्सिन का परीक्षण चल रहा है और सितंबर तक परिणाम आने की उम्मीद है। परिणाम अगर पाजिटिव आते हैं तो सितंबर या उसके अगले महीने से बच्चों को वैक्सीन दी जाने की पूरी उम्मीद है।

भारत में कोरोना महामारी के खिलाफ कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पूतनिक-वी के सहारे टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच कोवैक्सिन की दूसरी खुराक 2-6 साल के बच्चों को अगले सप्ताह दी जाने की संभावना है। दिल्ली स्थित एम्स में 6-12 साल की उम्र के बच्चों को कोवैक्सिन की दूसरी खुराक पहले ही दी जा चुकी है। 22 जून को, रणदीप गुलेरिया ने इंडिया टुडे टीवी को बताया था कि सितंबर तक बच्चों के लिए एक कोविड -19 वैक्सीन उपलब्ध होगी। इसके अलावा को वैक्सीन और जायडस कैडीला के टीके का परीक्षण भी देश में चल रहा है। 7 जून को, दिल्ली एम्स ने 2 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों की कोविड-19 वैक्सीन के परीक्षण के लिए स्क्रीनिंग शुरू की। 12 मई को, डीसीजीआई ने भारत बायोटेक को दो साल से कम उम्र के बच्चों पर कोवैक्सिन के दूसरे और तीसरे चरण का परीक्षण करने की अनुमति दी थी। यह ट्रायल बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से कैटेगरी में बांटकर किया जाता है, जिसमें हर उम्र के 175 बच्चों को शामिल किया गया है। दूसरी खुराक पूरी होने के बाद एक अंतरिम रिपोर्ट जारी की जाएगी, जिससे यह स्पष्ट होगा कि टीका बच्चों के लिए कितना सुरक्षित है।

कोविड -19 की तीसरी लहर के बड़े होने की आशंका के साथ, कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि अगली लहर में आनुपातिक रूप से अधिक संख्या में बच्चे संक्रमित होंगे। हालांकि, दिल्ली एम्स ने एक अध्ययन जारी किया जिसमें इस बात से इनकार किया गया है। ऐसे में अभी इसकी तैयारी में स्वास्थ्य विभाग जुट चुका है।

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