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स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास की पुस्तक पर बवाल, संघ परिवार ने की पाबंदी की मांग

स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास की पुस्तक पर बवाल, संघ परिवार ने की पाबंदी की मांग
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को लेकर जारी की गई एक पुस्तक को लेकर बवाल शुरू हो गया है। संघ परिवार ने पुस्तक पर बैन लगाने की मांग की है। यह किताब मार्च 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी की थी। संस्कृति मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित पुस्तक डिक्शनरी ऑफ मारटेयरस ऑफ इंडियाज फ्रीडम स्ट्रगल किताब के कुछ अंश वायरल होने के बाद संघ परिवार इसे लेकर खफा हैं। इसमें ब्रिटिश शासन के खिलाफ उस विद्रोह को शामिल किया गया है, जिसे दक्षिणपंथी हिंदू विरोधी बताया गया है । खास तौर से इस पुस्तक में 1921 में मोपला विद्रोह के चित्रण को लेकर संघ परिवार में रोष है । वरयाम कुन्नाथ कुंज अहमद हाजी के कितने को लेकर संघ परिवार ने आपत्ति जताई है । उत्तर केरल में मालाबार विद्रोह के नाम से जाने जाने वाले इस विद्रोह में सामंती व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई थी। विद्रोह में मुख्य भूमिका निभाने वाले हाजी को आमतौर पर देश भक्त बताया गया है। उन्होंने अंग्रेजी राज के खिलाफ अंत तक संघर्ष किया। हालांकि बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी। हिंदू जमीदारों को इसका जिम्मेदार बताया गया है । इतिहासकार की एन पानिकर कहते हैं कि मालाबार में खेतों के मालिक कुछ वर्ग के हिंदुओं और इन खेतों में मुस्लिम में निम्न वर्गीय बटाईदारों के विद्रोह के बाद यह घटनाएं हुई। इस विद्रोह का नेतृत्व कुंज अहमद हाजी कर रहे थे। उक्त पुस्तक के अंश वायरल होने के बाद संघ परिवार खफा है। संघ परिवार ने इस पुस्तक पर पाबंदी लगाने की मांग की है। उसका कहना है कि इस पुस्तक में गलत रूप से भारतीय इतिहास को दर्ज किया गया है। इस विद्रोह को कुचलने के लिए अंग्रेजों की कार्रवाई में अनेक हिंदू ही मारे गए थे।

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