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सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस मामले में प्रदेश सरकार से गवाहों की सुरक्षा की जानकारी मांगी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेगा कि हाथरस बलात्कार मामले की घटना की जांच सुचारू रूप से हो। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जनहित याचिका पर अगले हफ्ते फिर शुरू होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस मामले में प्रदेश सरकार से गवाहों की सुरक्षा की जानकारी मांगी
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नई दिल्ली। हाथरस में दलित युवती के कथित गैंगरेप और मौत के मामले मंे जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से गवाहों की सुरक्षा के बारे में जानकारी मांगते हुए यह भी पूछा है कि क्या कथित गैंगरेप पीड़िता के परिजन वकील की सेवा लेने में सक्षम हैं या नहीं। अदालत इस मामले में अब अगले हफ्ते सुनवाई करेगी।

चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता सत्यम दुबे, वकील विशाल ठाकरे और रुद्र प्रताप यादव की याचिका पर सुनवाई की। मामले के गंभीर बताते हुए चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि सरकार इस बात पर शपथपत्र दाखिल करे कि परिवार और गवाहों की सुरक्षा कैसे होगी। यह भी पूछा गया है कि परिवार के पास वकील है या नहीं। साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि एक युवा लड़की की दुर्भाग्यपूर्ण मौत को सनसनीखेज नहीं बनाया जाना चाहिए। कई ऐसे बयान और कहानियां हैं, जो निष्पक्ष जांच में बाधा डाल सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि जो हुआ है, वह चैंकाने वाला नहीं है या यह दुर्भाग्यपूर्ण नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेगा कि हाथरस बलात्कार मामले की घटना की जांच सुचारू रूप से हो। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जनहित याचिका पर अगले हफ्ते फिर शुरू होगी।

याचिकाकर्ताओं ने मामले की सीबीआई या एसआईटी द्वारा सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच कराने की मांग की है।

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