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एटीएम में नकली नोट पकडेगा अब साफ्टवेयर

आरबीआई के आदेश के बाद बैंक अपने एटीएम को अपडेट कर रहे हैं। नई मशीन को रिसाइक्लर मशीन का नाम दिया गया है, जिसमें तीन तरह के फंक्शन होंगे। एटीएम पैसा जमा करेगा, पैसा निकालेगा और नकली नोट को पहचानकर अलग करेगा। अगर तकनीकी गलती से कोई नकली नोट जमा भी हो गया तो एटीएम का स्मार्ट साॅफ्टवेयर उसे एक कैसेट में अलग कर देगा।

एटीएम में नकली नोट पकडेगा अब साफ्टवेयर
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कानपुर। तमाम शिकायतों के बाद अब एटीएम में कटे-फटे और नकली नोट रोकने के लिए मशीन के अंदर रुपए से भरी कैसेट को वहीं बदलने के बजाय अब हर बार बदला जाएगा। एटीएम में ऐसा साॅफ्टवेयर लगाया गया है जो नकली नोट को तुरंत पकड लेगा। कैसेट को मेंटीनेंस कंपनी और बैंक के जिम्मेदारी अधिकारियों के सामने भरकर सील किया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार दो साल में एटीएम से कटे-फटे, दो टुकड़ा और नकली नोट निकलने की शिकायतें डेढ़ गुना से ज्यादा हो गई हैं। अब इसकी जांच आरबीआई अपने स्तर से कर रहा है कि नकली नोट एटीएम के अंदर कैसे पहुंच जाते हैं। एटीएम के अंदर रखी चार कैसेट में अलग-अलग मूल्यवर्ग के नोट रखे जाते हैं। दो हजार रुपए की कैसेट हटाकर उसकी जगह पांच सौ की कैसेट लगा दी गई है। वर्तमान में 80 फीसदी एटीएम में 500 की दो, 200 की एक और 100 की एक कैसेट होती है। इलाके के अनुसार मांग के आधार पर कैसेट खाली होने पर उसे मौके पर ही करेंसी से भरा जाता रहा है लेकिन अब कैसेट को रीप्लेस किया जाता है। सीलबंद कैसेट को एटीएम में लगाकर खाली को हटा लिया जाता है।

अब आरबीआई के आदेश के बाद बैंक अपने एटीएम को अपडेट कर रहे हैं। नई मशीन को रिसाइक्लर मशीन का नाम दिया गया है, जिसमें तीन तरह के फंक्शन होंगे। एटीएम पैसा जमा करेगा, पैसा निकालेगा और नकली नोट को पहचानकर अलग करेगा। अगर तकनीकी गलती से कोई नकली नोट जमा भी हो गया तो एटीएम का स्मार्ट साॅफ्टवेयर उसे एक कैसेट में अलग कर देगा। ये रकम ग्राहक के खाते में नहीं जुड़ेगी। इसी के साथ ग्राहक के पास नकली नोट जमा करने का मैसेज आ जाएगा।

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