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वायुसेना की महिला अधिकारी से रेप के आरोपी पर कोर्ट मार्शल के तहत होगी सुनवाई

पीड़िता का आरोप है कि डॉक्टरों ने उसका टू-फिंगर टेस्ट किया जिसे सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा पीड़िता से उसकी सेक्शुअल हिस्ट्री के बारे में भी पूछा गया।

वायुसेना की महिला अधिकारी से रेप के आरोपी पर कोर्ट मार्शल के तहत होगी सुनवाई
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नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना की एक महिला अधिकारी के साथ बलात्कार के आरोप का सामना कर रहे सहयोगी लेफ्टिनेट को गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन अब कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की सुनवाई कोर्ट मार्शल के तहत की जाएगी।

तमिलनाडु के कोयंबटूर की एक अदालत ने गुरुवार को यह मामला वायुसेना को सौंप दिया गया है। महिला अधिकारी ने बताया था कि जब वायुसेना में अधिकारियों ने उसकी बात की सुनवाई नहीं की और डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि रेप के बाद मेडिकल जांच के लिए उसका टू-फिंगर टेस्ट किया गया। महिला अधिकारी ने बताया कि टू-फिंगर टेस्ट के बाद उसे फिर यौन शोषण के ट्रॉमा से गुजरना पड़ा। रेप पीड़िता का आरोप है कि डॉक्टरों ने उसका टू-फिंगर टेस्ट किया जिसे सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा पीड़िता से उसकी सेक्शुअल हिस्ट्री के बारे में भी पूछा गया। पीड़िता ने अपनी एफआईआर में बताया कि उसे असली ठेस तब पहुंची जब वायुसेना के अधिकारियों ने उसे मामला वापस लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस मामले में महिला आयोग की चीफ रेखा शर्मा ने एयर चीफ मार्शल को भी पत्र लिखा है और जरूरी कदम उठाने को कहा है। आयोग ने कहा कि एयरफोर्स के डॉक्टरों को गाइडलाइंस के बारे में बताना चाहिए। 2014 में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने भी टू-फिंगर टेस्ट को अवैज्ञानिक करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने टू-फिंगर टेस्ट को गलत करार देते हुए कहा था कि इससे किसी के साथ रेप होने या न होने की पुष्टि नहीं की जा सकती।

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