छह माह परिवार से दूर रहा यह कोरोना योद्धा, और लौटा तो..
राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डाॅक्टर अजीत जैन विगत लगातार 175 दिनों तक कोरोना मरीजों के लिए समर्पित रहे।

नई दिल्ली। कोरोना ने जहां आम आदमी को परेशान किया है, वहीं कोरोना योद्धाओं की भी कम परीक्षा नहीं ली है। इसका एक उदाहरण दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के एक 52 वर्षीय चिकित्सक हैं जो सिर्फ इस भय के चलते लगभग छह महीने अपने परिवार से दूर रहे कि कहीं उनके साथ वायरस उनके परिवार तक ना पहुंच जाए। अस्पताल से सिर्फ 13 किमी दूर कमला नगर अपने घर पहुंचने में उन्हें लंबा वक्त लगा।
राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डाॅक्टर अजीत जैन विगत लगातार 175 दिनों तक कोरोना मरीजों के लिए समर्पित रहे। उपन्यास कोरोनवायरस के नोडल अधिकारी के रूप में कार्यरत डाॅ अजित जैन करीब छह माह बाद छुट्टी लेकर घर पहुंचे तो पूरी तरह आश्वस्त थे कि वे कोरोना लेकर नहीं जा रहे हैं। उनके घर पहुंचते ही लंबे इंतजार के बाद उनकी दो बेटियों ने उन्हें गले लगा लिया। साथ ही इस कोरोना यो(ा का उनकी पत्नी ने आरती और तिलक लगाकर स्वागत किया। छह माह बाद पापा की घर वापसी के भावनात्मक लम्हों को उनके बेटे ने मोबाइल वीडियो में कैद किया। डाॅ. जैन इसलिए घर नहीं गए क्योंकि उन्हें डर था कि वायरस उनके परिवार के सदस्यों तक ना पहुंच जाए। उनकेे माता-पिता 75 वर्ष से अधिक आयु के हैं, ऐसे में उनकी चिंता अधिक होना स्वाभाविक है।इस दौरान वे फोन पर ही परिवार के संपर्क में रहे और हालचाल लेते रहे। वायरस से संक्रमित होने के बाद कई डाॅक्टरों की मौत के चलते भी उन्हें यह एहतियात बरतना जरूरी लगा। परिवार वालों से कुल पांच मिनट फोन पर बात करने के लिए 2 बजे तक उनके परिवार वाले जागकर उनका इंतजार करते थे। छह माह बाद अपने साथ पाकर परिवार के लोगों को लगा जैसे उन्हें कोई खोया खजाना मिल गया हो।