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आपके होश उड़ा देगी 4 कत्ल करने वाले लड़कियों के दुश्मन इस सीरियल किलर की ये खौफनाक कहानी....

आपके होश उड़ा देगी 4 कत्ल करने वाले लड़कियों के दुश्मन इस सीरियल किलर की ये खौफनाक कहानी....
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नई दिल्ली। भारत के साथ ही दुनियाभर के कई देशों में सीरियल किलर के अनेक किस्से कहानियां हम और आप पढ़ चुके होंगे। कई मामलों में फिल्में भी बनी हैं, तो कुछ सीरियल किलर के जीवन पर किताबें छपी है, लेकिन आज हम जिस सीरियल किलर की बात इस खबर के जरिये आप तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, वो बेहद खौफनाक है। 4 कत्ल करने वाले इस सीरियल किलर को लड़कियों का दुश्मन कहा गया है। इसने जो कत्ल किये उनके लिए इतना शातिराना अंदाज सामने आया कि डेढ़ दशक तक पुलिस को इस सीरियल किलर के खौफनाक इरादों और घटनाओं का पता नहीं चल पाया। कातिल के पकड़े जाने पर पुलिस कत्ल के हर राज को खोल देती है, ऐसा ही हमने दूसरी घटनाओं में देखा, लेकिन ये ऐसा कातिल था, जो जब भी पकड़ा गया, कत्ल का राज उतना ही गहरा होता चला गया। इसने न केवल कत्ल किये, बल्कि रेप भी करता चला गया। इसकी ये खौफ से लबरेज कहानी आपके होश उड़ा ही उड़ाकर रख देगी।

पंजाब की चंडीगढ़ पुलिस ने एक सीरियल रेपिस्ट किलर को दबोचकर सनसनीखेज खुलासा किया है। इस कातिल को लड़कियों का दुश्मन कहा गया है, क्योंकि वो किसी अकेली लड़की को देखता, और इसके बाद उसके अंदर ऐसा शैतान जागता कि मानवता भी शर्मसार और खौफजदा हो जाये। ये सीरियल किलर पहले अपने शिकार का अपहरण करता, इसके बाद ठिकाने पर ले जाकर उसके साथ रेप करता और बाद में बेहरमी से उसका क़त्ल कर देता था। शायद ये कभी पकड़ा भी न जाता, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने कत्ल की इन कहानियों के हर पहलु की कड़ी को पेंच से पेंच मिलाते हुए जोड़ा और इसमें मेडिकल साइंस ने पुलिस की सबसे बड़ी मदद की, क्योंकि डीएनए जांच की एक लंबी प्रक्रिया के बाद करीब 16 साल से चेहरे पर शराफत का नकाब लगाने वाले इस सीरियल रेपिस्ट किलर की अमानवीय शक्ल को उजागर किया गया।

चंडीगढ़ पुलिस ने मोनू कुमार नाम के इस सीरियल किलर को जब गिरफ्तार किया, तो खुद पुलिस को भी पता नहीं था कि ये आदमी इतना बड़ा सीरियल रेपिस्ट और किलर हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे पुलिस की तफ्तीश आगे बढ़ती गई, मोनू की करतूतों का कच्चा-चिट्ठा खुलता चला गया। पहले पुलिस को पता चला कि उसने साल 2008 से लेकर अब तक अलग-अलग जगहों पर तीन लड़कियों को अपना शिकार बनाया है, इनमें दो चंडीगढ़ की जबकि एक हिमाचल प्रदेश के चंबा की रहने वाली थी। आगे की तफ्तीश में पुलिस खुद उलझ गई, क्योंकि इसमें ये साफ हुआ है कि उसकी शिकार लड़कियों की तादाद इससे भी कहीं ज्यादा है। बल्कि अभी हाल ही में उसने 65 साल की एक बुजुर्ग महिला को भी अपना शिकार बनाया था और रेप के बाद उसकी भी जान ले ली थी। अब चंडीगढ़ पुलिस ने इस संदिग्ध क़ातिल की निशानदेही पर धनास के जंगलों से इस सायको रेपिस्ट की खून से सनी एक पैंट बरामद की है।

16 साल में चार कत्ल, पीड़ितों में 6 साल की बच्ची से लेकर 65 साल की बुजुर्ग तक शामिल

चंडीगढ़ के सीरियल रेपिस्ट को लेकर कई चौंकने वाले ख़ुलासे हुए हैं। वो 16 सालों में चार महिलाओं के साथ बलात्कार और उनका क़त्ल कर चुका है। उसकी वहशत के पीड़ितों में 6 साल की बच्ची से 65 साल की बुज़ुर्ग तक शामिल हैं। 100 से जायदा लोगों की डीएनए जांच के बाद ये शातिर और सीरियल किलर पकड़ा गया।

टैक्सी ड्राईवर है सायको किलर मोनू कुमार

चंडीगढ़ पुलिस ने इस टैक्सी ड्राइवर मोनू कुमार सीरियल रेपिस्ट को इसी महीने के शुरुआती दिनों में तब गिरफ्तार किया था, जब मलोया के जंगलों में साल 2022 में हुई एक महिला की रेप और हत्या के मामले में पुलिस को उसके शामिल होने का पता चला। असल में लाश पर से कलेक्ट किए गए डीएनए सैंपल से संदिग्ध आरोपी मोनू के डीएनए सैंपल हु ब हू मिल गए, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई। लेकिन इसके बाद उसने एक-एक कर चार कत्ल का खुलासा किया। चौथा और आखिरी क़त्ल उसने अब से बमुश्किल तीन महीने पहले यानी फरवरी में चंडीगढ़ के धनास इलाके में किया था, जहां उसने 65 साल की एक बुजुर्ग महिला के साथ रेप करने के बाद उसकी जान ले ली थी।

जुलाई 2010-एमबीए स्टूडेंट नेहा के कत्ल से हिल गया था चंडीगढ़

इस कहानी की शुरुआत आज से करीब 14 साल पहले हुई, जब सिटी ब्यूटीफूल यानी चंडीगढ़ में एक दहलाने वाली वारदात ने हर किसी को बेचैन कर दिया। हुआ यूं कि सेक्टर 38 की रहने वाली 21 साल की एमबीए स्टूडेंट नेहा अहलावत शाम को अपने घर से कोचिंग के लिए निकली थी। आम तौर पर वो रात के 9 बजे तक घर वापस लौट आती थी, लेकिन इस रोज़ ना तो वो वापस लौटी और ना ही उसका फोन लग रहा था। बल्कि नेहा का मोबाइल फोन रहस्यमयी तरीके से स्विच्ड ऑफ हो चुका था। इस पर घरवालों ने पहले अपने तौर पर नेहा के बारे में पता करने की कोशिश की, कोचिंग इंस्टीट्यूट में बात की, लेकिन जब उसका कोई पता नहीं चला तो वो आधी रात को सेक्टर-39 के पुलिस स्टेशन में पहुंचे और अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवा दी। परिवार ने रिपोर्ट तो लिखवा दी, लेकिन अपने तौर पर नेहा को ढूंढने की कोशिश जारी रखी। और फिर इसके कुछ ही देर बाद उन्हें जोर का झटका लगा, जब सेक्टर 38 के करन टैक्सी स्टैंड के पास उन्हें अपनी बेटी की स्कूटी दिखाई थी। डराने वाली बात ये थी कि स्कूटी पर खून के छींटे लगे थे। अब घरवालों ने आस-पास के पूरे इलाके में और भी बेसब्री से नेहा की तलाश आगे बढ़ाई और तब घरवालों वो मंजर दिख गया, जो कोई भी देखना पसंद नहीं करता। टैक्सी स्टैंड से थोड़ी दूर झाड़ियों में नेहा की लाश पड़ी थी। खून से लथपथ और बिना कपड़ों के नग्न अवस्था में लाश देखकर हर कोई हिल गया।नेहा के शरीर पर मिले दरिंदे के डीएनए सैंपल कलेक्ट कर लिए गए और जांच आगे बढ़ाई गई। लेकिन वक़्त गुज़रता रहा। दिन, महीने, साल निकलते रहे, लेकिन नेहा के गुनहगार का कोई पता नहीं चला। और फिर एक वक्त ऐसा भी आया जब चंडीगढ़ पुलिस ने इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच को लेकर अपने हाथ खड़े कर दिए। और आखिरकार दस सालों के बीच पुलिस ने अदालत में इस केस को लेकर अनट्रेस्ड रिपोर्ट दाखिल कर दी।

नेहा के कत्ल के 12 साल बाद मनदीप बनी शिकार

नेहा मर्डर केस को अब लोग भुला चुके थे। पुलिस तफ्तीश करते-करते थक चुकी थी, केस बंद हो चुका था। लेकिन नेहा मर्डर केस के पूरे 12 साल बाद चंडीगढ़ में वैसी ही एक और वारदात हुई। इस बार एक चंडीगढ़ के ही मलोया के जंगलों में 40 साल की एक महिला मनदीप कौर की लाश मिली। ये लाश भी बगैर कपड़ों के थी। कातिल ने पूरे जिस्म को और खासकर महिला के निजी अंगों को बुरी तरह से जख्मी कर रखा था। उसके हाथ-पांव बंधे हुए थे और मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था। लाश को देख कर ये साफ था कि ये मामला भी रेप कम मर्डर का ही है। मरने वाली महिला की पहचान मनदीप कौर के तौर पर हुई, जिसके पति ने एक रोज़ पहले ही अपनी बीवी की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई थी। उसने बताया था कि उसने अपनी बीवी को एक रोज़ पहले यानी 11 जनवरी को रात 8 बजे पास के मार्केट में छोड़ा था, लेकिन इसके बाद वो लौट कर नहीं आई। ये भी 12 साल पहले हुए नेहा मर्डर केस से हु-ब-हू मिलता जुलता था। लिहाजा पुलिस ने इस केस की भी पूरी गंभीरता से जांच शुरू की, लेकिन धीरे-धीरे वक्त गुजरता रहा और पुलिस के हाथ खाली ही रहे। हालांकि नेहा मर्डर केस की तरह इस मामले में भी चंडीगढ़ पुलिस ने मनदीप कौर की लाश से कातिल के डीएनए सैंपल कलेक्ट कर लिए थे। लेकिन लाख कोशिश करने के बावजूद नेहा मर्डर की तरह मनदीप मर्डर केस भी अनसुलझा ही रहा।

घर-घर जाकर बस्तियों में पूछताछ और 100 डीएनए जांच

पुलिस को इस मामले में भी कातिल का करीब दो सालों तक कोई सुराग नहीं मिल सका। पुलिस ने वारदात वाली जगहों के आस-पास बनी बस्तियों में डोर टू डोर जाकर पूछताछ की और संदिग्ध क़ातिल को ढूंढने की नए सिरे से कोशिश चालू कर दी। छानबीन के दौरान पुलिस को ये पता चल चुका था कि इन दोनों मामलों को अंजाम देने वाले कातिल की उम्र 18 से 40 साल के बीच हो सकती है। जबकि उसकी लंबाई 5 फीट 6 इंच से 5 फीट 10 इंच तक मुमकिन है। पुलिस ने इस कैटेगरी में आने वाले करीब सौ लोगों के डीएनए सैंपल कलेक्ट किए और फिर उन्हें जांच के लिए चंडीगढ़ की फॉरेंसिक साइंस लेब्रोटरी में भिजवा दिया। नए सिरे से की गई करीब 8 महीने की कोशिश आखिरकार तब रंग लाई, जब सौ में से एक आदमी का सैंपल मलोया मर्डर केस में मनदीप कौर की लाश से कलेक्ट किए गए सैंपल से मेल खा गया। ये अपने आप में किसी करिश्मे से कम नहीं था, क्योंकि जिस कातिल को पिछले करीब दो सालों से ढूंढ-ढूंढ कर चंडीगढ़ पुलिस हलकान हुई जा रही थी, वो कातिल कहीं आस-पास का ही रहने वाला था और क़त्ल के बाद भी वहीं मौजूद था। लेकिन ये तो बस पहली कामयाबी थी। पुलिस को दूसरी और एक और बड़ी कामयाबी तब मिली, जब उसी आदमी का डीएनए सैंपल 14 साल पहले हुए नेहा अहलावत की लाश पर से कलेक्ट किए गए डीएनए सैंपल से भी हु-ब-हू मेल खा गया। अब चंडीगढ़ में 12 सालों के अंतराल पर हुए दो क़त्ल के मामलों का खुलासा हो चुका था। कातिल के तौर पर शाहपुरा कॉलोनी के रहने वाले 38 साल के मोनू कुमार की पहचान हो चुकी थी, जो पेशे से एक टैक्सी ड्राइवर था, लेकिन उसे नशे की लत थी। अब पुलिस उसे गिरफ्तार तो करना चाहती थी, लेकिन दिक्कत ये थी कि वो चंडीगढ़ से जा चुका था। पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। लेकिन उसका कोई सुराग हाथ नहीं आ रहा था। बड़ी दिक्कत ये थी कि वो ना तो मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था, ना उसके पास आधार कार्ड था और ना ही उसका कोई बैंक एकाउंट ही था। ऐसे में पुलिस लाख कोशिश करने के बावजूद उसे ट्रेस नहीं कर पा रही थी। हां, इतना जरूर पता चल चुका था कि मोनू कुमार नाम का ये क़ातिल मूल रूप से बिहार का रहने वाला है और इन दिनों चंडीगढ़ में रहता है। अब पुलिस इंतजार करती रही, करीब छह महीने के इंतजार के बाद आखिरकार मोनू चंडीगढ़ लौटा और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

नेहा से पहले 2008 में हिमाचल में 6 साल की मासूम का किया था कत्ल

पहले तो मोनू अपना जुर्म कबूलने को तैयार ही नहीं था। वो अनजान बनने की कोशिश कर रहा था, लेकिन जब पुलिस ने उसके खिलाफ डीएनए सबूत होने की बात बताई और उससे सख्ती की तो वो टूट गया और उसने इन दोनों ही वारदातों में शामिल होने की बात मान ली। लेकिन इसी के साथ उसने पुलिस को एक ऐसी कहानी सुनाई, जिसने उसे और भी हैरान कर दिया। मोनू ने खुद पुलिस के सामने ये कबूल किया कि उसने इससे पहले भी साल 2008 में हिमाचल प्रदेश के चंबा में 6 साल की एक छोटी सी बच्ची के साथ रेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी। 12 सितंबर 2008 को एक ढाबे में काम करने वाली उस बच्ची को अकेला पाकर मोनू ने उसे अपना शिकार बनाया था। हैरानी की बात ये रही कि इस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था और वो करीब डेढ साल तक हिमाचल प्रदेश के जेल में भी रहा, लेकिन बाद में उसे सबूतों के अभाव में इस केस से बरी कर दिया। मोनू के इस कबूलने के साथ ही ये भी साफ हो गया कि वो कोई मामूली अपराधी नहीं, बल्कि एक ऐसा सीरियल रेपिस्ट और सीरियल किलर है, जो किसी लड़की को अकेला पाते ही उसे अपना शिकार बनाने की कोशिश करता है। और सालों से पुलिस और कानून को धोखा देने की अपनी शातिर चाल की वजह से ही उसके हौसले बुलंद थे और वो रह-रह कर ऐसी वारदातों को अंजाम दे रहा था। उसके खिलाफ 6 क्रिमिनल केसेज का पता चला है, जिसमें रेप और मर्डर के अलावा चोरी और लूटपाट के कुछ मामले शामिल हैं।

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