undefined

कोविशील्ड की दो डोज के बीच अंतर बढाने की क्या वजह है

वैक्सीन की दो डोज के पीछे 4 हफ्तों का गैप होने से वैक्सीन की एफिकेसी लगभग 57 प्रतिशत और 8 हफ्तों का गैप होने से लगभग 60 प्रतिशत तक हो जाती है।

कोविशील्ड की दो डोज के बीच अंतर बढाने की क्या वजह है
X

नई दिल्ली। कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतराल को बढ़ाने का निर्णय वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर पारदर्शी तरीके से लिया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किये गए ट्वीट के अनुसार राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी परामर्श समूह के अध्यक्ष एनके अरोड़ा ने कहा कि कुछ देशों में टीकाकरण शुरू करते समय वैक्सीन की दो डोज के बीच 12 हफ्तों का अंतर रखा गया था। हमें इसकी जानकारी थी, लेकिन हमने 4 हफ्तों का ही अंतराल तय किया। फिर बाद में हमें कई नए वैज्ञानिक प्रमाण और डेटा मिले, जिनके आधार पर हमने पाया कि वैक्सीन की दो डोज के पीछे 4 हफ्तों का गैप होने से वैक्सीन की एफिकेसी लगभग 57 प्रतिशत और 8 हफ्तों का गैप होने से लगभग 60 प्रतिशत तक हो जाती है। सरकार का कहना था कि उसने कोविड-19 कार्यकारी समूह की अनुशंसाओं को स्वीकार करते हुए कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच के अंतराल को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह कर दिया है।

एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने वैज्ञानिक समूह की सहमति के बिना आॅक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (कोविशील्ड) वैक्सीन की दो खुराक के बीच के अंतर को दोगुना कर दिया था। बता दें मई में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे थे और कई वैक्सीन सेंटर में खुराक की किल्लत हो गई थी। इसके बाद 13 मई को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविशील्ड की दोनों डोज के बीच का गैप 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह कर दिया था।

Next Story