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अल्लाह भारत में ऐसा वायरस भेज दे जो पचास करोड़ लोगों को मार दे-कहने वाले से गठबंधन पर कांग्रेस घिरी

अल्लाह भारत में ऐसा वायरस भेज दे जो पचास करोड़ लोगों को मार दे-कहने वाले से गठबंधन पर कांग्रेस घिरी
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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में इंडियन सेकुलर फ्रंट से गठबंधन करने पर कांग्रेस की पार्टी के अंदर और बाहर कड़ी आलोचना हो रही है। पार्टी के ही वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद अब इंडियन सेकुलर फ्रंट के नेता पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के कई विवादित बयान वायरल हो रहे हैं, जिन पर जवाब देना कांग्रेस के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। पिछले साल एक बयान में अब्बास सिद्दीकी ने कहा था कि अल्लाह भारत में एक ऐसा वायरस भेज दे, जहां 10, 20 या फिर 50 करोड़ भारतीयों को खत्म कर दे। हम मुसलमान हैं और हर दिन नमाज पढ़ते हैं तो फिर कोरोना हमारा कुछ नहीं कर सकता। गठबंधन पर मंगलवार को एक टीवी न्यूज चैनल पर डिबेट के दौरान जब इसका सवाल उठा तो कांग्रेस प्रवक्ता बचाव करते दिखे और कहा कि उनकी पार्टी का नाम ही इंडियन सेकुलर फ्रंट है। ऐसे में उन्हें सांप्रदायिक कैसे कहा जा सकता है। कांग्रेस प्रवक्ता अंशुल अविजीत ने कहा कि वह कट्टर नेता नहीं हैं और गठबंधन के बाद से उन्होंने कोई विवादित बयान नहीं दिया है। यही नहीं उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में मजार और पीर का एक लंबा इतिहास रहा है। यदि वह मौलाना हैं तो इसमें गलत बात क्या है। पीरजादा अब्बास सिद्दीकी का एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कहते हैं कि यह पश्चिम बंगाल है। यहां मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं है। यदि ये लोग सत्ता में आ जाएंगे तो हमारी औरतों के साथ रेप करेंगे।

इन बयानों पर सवाल पूछे जाने के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 21 फरवरी को पार्टी के गठन के बाद से उनका कोई विवादित बयान सामने नहीं आया है। बता दें कि अब्बास सिद्दीकी की पार्टी से गठबंधन को लेकर आपत्ति जताते हुए सीनियर कांग्रेस लीडर आनंद शर्मा ने कहा था कि यह पार्टी के सेकुलरिज्म के सिद्धांतों और इतिहास के खिलाफ है। उनके इस बयान पर कांग्रेस में ही विवाद छिड़ गया था और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने उन पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं।

वामदलों में भी छिड़ी है सिद्दीकी पर रार, फॉरवर्ड ब्लॉक ने बनाई दूरी

अब्बास सिद्दीकी से गठबंधन को लेकर कांग्रेस ही नहीं वामदलों में भी संघर्ष छिड़ गया है।

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