सचिन पायलट को मनाने के लिए 3 मंत्री पद व निगम और बोर्डों में समर्थकों को लाने का फार्मूला
आलाकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल राजस्थान में अशोक गहलोत ही पार्टी के नंबर 1 नेता हैं। सचिन को उनके साथ तालमेल से आगे बढ़ना होगा। पार्टी अब सचिन के दबाव में नहीं आने वाली है।
जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में सियासी उठापटक के बीच सचिन पायलट को कांग्रेस की तरफ 3 मंत्री पद सहित निगम और बोर्डों में उचित प्रतिनिधित्व देने का आफर किया गया है। हालांकि किसी भी सूरत में 3 से ज्घ्यादा मंत्रिपद नहीं मिलेंगे। वैसे अभी भी बातचीत जारी है। सूत्रों की मानें तो अब सचिन पायलट को ही फैसला लेना है। हालांकि वह इससे पहले 5 से 6 मंत्री पद चाहते थे।
सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कांग्रेस संगठन और सीएम अशोक गहलोत का तर्क है कि 9 मंत्री पद खाली हैं। इसमें बीएसपी के छह विधायकों और निर्दलीय (लगभग एक दर्जन विधायकों) में से भी कुछ को मंत्री बनाना है। वहीं, कुछ गहलोत कैम्प से भी मंत्री बनेंगे, इसलिए सचिन पायलट को 3 से ज्घ्यादा मंत्रिपद दे पाना संभव नहीं है। पहले सचिन को एआईसीसी में लाकर महासचिव बनाने के साथ किसी राज्य का प्रभारी बनाने का आॅफर दिया गया था। यही नहीं, अब उनके लिए थोड़ा और महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता है, अगर वे 3 मंत्रिपद पर मान जाएं। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने साफ कर दिया है कि अगर सचिन पायलट मान जाएं तो राजस्घ्थान में मंत्रिमंडल विस्तार जल्दी कर दिया जाएगा। सीएम अशोक गहलोत 2 महीने के क्वारंटाइन पर हैं, ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार कैसे होगा? इस सवाल के जवाब में पार्टी सूत्र का कहना है कि गेंद सचिन पायलट के पाले में है, वे अगर आॅफर स्वीकार करते हैं तो सीएम मंत्रिमंडल विस्तार कर देंगे, ये केंद्रीय नेतृत्व सुनिश्चित करेगा। यही नहीं, सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान इसलिए सचिन से अब तक नहीं मिला, क्योंकि सुलह कमेटी और बाकी नेताओं से बातचीत में सचिन अपने रुख पर कायम हैं। आलाकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल राजस्थान में अशोक गहलोत ही पार्टी के नंबर 1 नेता हैं। सचिन को उनके साथ तालमेल से आगे बढ़ना होगा। पार्टी अब सचिन के दबाव में नहीं आने वाली है।