चिराग का पीएम पर भरोसा कायम, बोले भाजपा की सहमति से लडे अलग चुनाव
चिराग ने कहा कि मैं और मेरे पिता रामविलास पासवान पीएम मोदी और बीजेपी के साथ हमेशा खड़े रहे, लेकिन कठिन समय में भगवा दल ने उनका साथ नहीं दिया। हालांकि उन्होंने एक बार फिर पीएम मोदी पर अपना भरोसा कायम होने की बात की है।
पटना। लोक जनशक्ति पार्टी में चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच राजनीतिक विवाद पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे और एलजेपी के राष्ट्रीय अध्घ्यक्ष चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास जताते हुए खुलासा किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला उन्होंने भाजपा की सहमति के बाद लिया था।
एनडीए से अलग होकर एलजेपी का चुनाव लड़ना खासतौर पर चिराग के चाचा और सांसद पशुपति कुमार पारस समेत कुछ नेताओं को पंसद नहीं था। पशुपति ने साफ तौर पर इसे चिराग का सबसे खराब निर्णय बताया था। चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि पार्टी के अंदर इसे लेकर असहमति थी, लेकिन फैसले के बाबत बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष को बैठक के दौरान बताया गया था कि सिर्फ 15 सीटों पर एलजेपी का बिहार विधानसभा चुनाव में उतरना संभव नहीं है। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्घ्यू में चिराग पासवान ने कहा कि बीजेपी के साथ मैंने बैठक में साफ कर दिया था कि अगर आने वाली सरकार में एलजेपी के एजेंडे को कोई तरजीह नहीं मिलेगी तो गठबंधन में बने रहने का कोई सवाल ही नहीं है। इसके साथ उन्घ्होंने कहा कि वह एनडीए के साथ 2014 से थे और तब जेडीयू का कुछ अता पता नहीं था। यही नहीं, हम बीजेपी के खिलाफ सिर्फ छह सीट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन जेडीयू के खिलाफ पूरा दम लगाया था। इस इंटव्घ्यू के दौरान चिराग ने साफ कहा,श् चुनाव से पहले बीजेपी की तरफ से कहा गया था कि चुनाव के दौरान या इसके बाद दोनों दलों के बीच कोई कड़वाहट नहीं रहेगी। वहीं, मैंने कहा था कि मेरा भरोसा आप (बीजेपी) पर है, नीतीश कुमार पर नहीं। हालांकि मुझे चुनाव के दौरान बीजेपी के कुछ नेताओं ने वोट कटवा कहा तो काफी परेशानी हुई थी।चिराग ने कहा कि मैं और मेरे पिता रामविलास पासवान पीएम मोदी और बीजेपी के साथ हमेशा खड़े रहे, लेकिन कठिन समय में भगवा दल ने उनका साथ नहीं दिया। हालांकि उन्होंने एक बार फिर पीएम मोदी पर अपना भरोसा कायम होने की बात की है। उन्होंने भाजपा की चुप्पी पर ऐतराज जताते हुए कहा कि अब बीजेपी से रिश्ते एकतरफा नहीं रह सकते हैं।