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दिल्ली की गर्मी से बचने के लिए शिमला पहुंची प्रियंका गांधी

प्रियंका को मकान बनाने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लैंड रिफाॅर्म्स एक्ट के सेक्शन 118 में नियमों में ढील दी थी। इस सेक्शन के तहत हिमाचल से बाहर रहने वाले लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं।

दिल्ली की गर्मी से बचने के लिए शिमला पहुंची प्रियंका गांधी
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शिमला। दिल्ली में बढ़ती गर्मी से राहत पाने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा शिमला पहुंच गई हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा चंडीगढ़ से सड़क मार्ग होते हुए बुधवार शाम को शिमला के समीप छराबड़ा स्थित अपने आशियाने में पहुंचीं। शाम को प्रियंका ने मौसम और अपने आशियाने के आसपास सैर की। वहीं, पूर्व प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची और उनका बेटा मनजीत भी यहां उनसे मुलाकात के लिए पहुंचे थे। इससे पहले 10 मार्च 2020 को प्रियंका शिमला आईं थीं और 3-4 दिन यहां रुकी थीं। बताया जा रहा है कि इस बार वह एक सप्ताह तक यहां रुकेंगी। उनके साथ परिवार भी पहुंचा है। हालांकि, पति भी साथ हैं, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सीआईडी पुलिस और अन्य पुलिस के जवान प्रियंका के घर के आसपास तैनात किए गए हैं। प्रियंका गांधी का घर शिमला से 13 किलोमीटर दूर और समुद्र तल से 8 हजार फीट की ऊंचाई पर है। घर को पहाड़ी शैली में बनाया गया है। इंटीरियर में देवदार की लकड़ी से सजावट की गई है। मकान के चारों तरफ हरियाली और पाइन के खूबसूरत पेड़ हैं। सामने हिमालय के बर्फ से ढके पहाड़ नजर आते हैं। छराबड़ा एक टूरिस्ट प्लेस है। प्रियंका के घर पर स्लेट मंडी का ही लगा है। इससे पहले, शैली पसंद न आने पर निर्माणाधीन मकान को तुड़वाया भी गया था। जंजैहली घाटी के मुरहाग निवासी ठेकेदार प्यारे राम ने प्रियंका के मकान के निर्माण का ठेका लिया था।

अक्सर राहुल गांधी के अलावा, सोनिया गांधी भी यहां आती रहती हैं। करीब साढ़े चार बीघा जमीन पर प्रियंका का घर साल 2008 में बनना शुरू हुआ था। हिमाचल कांग्रेस के नेता केहर सिंह खाची के नाम पर जमीन की पावर आॅफ अटाॅर्नी है। साल 2011 में दो मंजिला बनने के बाद डिजाइन पसंद न आने पर इसे तोड़ दिया गया था। प्रियंका को मकान बनाने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लैंड रिफाॅर्म्स एक्ट के सेक्शन 118 में नियमों में ढील दी थी। इस सेक्शन के तहत हिमाचल से बाहर रहने वाले लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं। वर्ष 2007 में इस जमीन की मार्केट वेल्यू करीब एक करोड़ रुपये बीघा थी, जबकि प्रियंका गांधी को मकान बनाने के लिए 4 बीघा जमीन 47 लाख रुपये में दी गई।

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