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जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा से दो दो हाथ करने को तैयार सपा गठबंधन

सपा ने रालोद समेत तमाम विपक्षी दलों के साथ मिलकर 50 सीटें जीतने के लक्ष्य तय किया है। भाजपा और विपक्ष में दूसरे दलों और निर्दलीय जिला पंचायत सदस्यों को अपने पाले में लाने व अपने सदस्यों को एकजुट रखने की कोशिशें तेज हो गईं हैं।

जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा से दो दो हाथ करने को तैयार सपा गठबंधन
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लखनऊ। प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष पद की जंग को लेकर समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच कडे मुकाबले की उम्मीद है। सपा ने रालोद समेत तमाम विपक्षी दलों के साथ मिलकर 50 सीटें जीतने के लक्ष्य तय किया है। भाजपा और विपक्ष में दूसरे दलों और निर्दलीय जिला पंचायत सदस्यों को अपने पाले में लाने व अपने सदस्यों को एकजुट रखने की कोशिशें तेज हो गईं हैं।

यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए विभिन्न दलों द्वारा घोषित व अघोषित प्रत्याशी सदस्यों का समर्थन जुटाने में लगे हैं। जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली सपा के लिए उसी अनुपात में अपने अध्यक्ष जिताने के लिए खासी जोडतोड करनी पड़ रही है। अभी चुनाव का ऐलान नहीं हुआ है और भाजपा ने सभी प्रत्याशी भी घोषित नहीं किए हैं, पर सपा अपने जिलाध्यक्षों के जरिए विपक्षी दलों के साथ सहमति बना कर तमाम सीटों पर प्रत्याशी तय कर रही है। खतरा इस बात को लेकर है कि ऐन वक्त पर कुछ सदस्य पाला बदल सकते हैं। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का दावा है कि सबसे ज्यादा जिला पंचायत सदस्य समाजवादी पार्टी के जीते हैं। हमारी लड़ाई भाजपा के साथ प्रशासन से भी है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पार्टी अध्यक्ष चुनाव के लिए अखिलेश यादव ने प्रभावशाली नेताओं के नातेदारों को मैदान में उतारा है। मैदान आने के बाद अपने लिए बहुमत जुटाने के लिए जिलों में काफी दांवपेंच चले जा रहे हैं। इटावा में अखिलेश यादव के चचेरे भाई अंशुल यादव मैदान में हैं। यहां उनकी जीत पक्की करने के लिए शिवपाल यादव भी उनके साथ हैं। मेरठ में बसपा की जिला पंचायत सदस्य सोनाली गूर्जर को सपा में शामिल कर उन्हें प्रत्याशी बना दिया गया। यहां सपा को रालोद व भारतीय किसान यूनियन का भी समर्थन है। मुरादाबाद की बिलारी से सपा विधायक मो. फहीम इरफान के परिवार की सदस्य अमरीन अध्यक्षी का चुनाव लड़ रही हैं। अमरोहा में सपा विधायक व पूर्व मंत्री महबूब अली की पत्नी सकीना बेगम भी मैदान में हैं। बिजनौर में सामान्य कार्यकर्ता सिख परिवार की चरणजीत कौर को प्रत्याशी बना रही है। पश्चिमी यूपी में सपा रालोद गठबंधन के साथ आजाद समाज पार्टी ज्यादातर सीटों को जीतने की रणनीति बना रहा है।

पूर्वी उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार में मंत्री रहे व वर्तमान विधायक दुर्गा प्रसाद यादव के बेटे विजय यादव आजमगढ़ से प्रत्याशी तय हुए हैं। वाराणसी से चंदा यादव सपा से मैदान में हैं। प्रयागराज में मालती यादव, गाजीपुर में कुसुम लता यादव, मऊ में रामनगीना यादव,हमीरपुर में वंदना यादव व देवरिया में शैलजा यादव भी अध्यक्षी के लिए अब समर्थन जुटाने में लग गए हैं। सपा ने प्रत्याशियों में पिछड़ों, मुस्लिमों वर्ग के जिला पंचायत सदस्यों पर फिर दांव लगाया है। हालांकि सबसे ज्यादा टिकट यादव समुदाय को मिले हैं। कुर्मी, मौर्य दलित, सिख व अन्य वर्गों के जिला पंचायत सदस्यों को भी चुनाव में उतारने की तैयारी है।

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