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कुम्हार मंडी में अवैध कांप्लेक्स के ध्वस्तीकरण का एलडीए ने दिया आदेश

योगी सरकार ने नियम विरुद्ध हुए अवैध निर्माणों के खिलाफ जबरदस्त हल्ला बोल दिया है। एलडीए आए दिन अतिक्रमण विरोधी अभियान चला रहा है। पिछले कई सालों से अवैध कांप्लेक्स बनवाकर मौज करने वालों के ऊपर एलडीए की निगाहें टेढ़ी हो गई हैं। ऐसा ही एक मामला कैंट थाना अंतर्गत कुम्हार मंडी का सामने आया है। यहां सचिन कुमार गौड़ ने आवासीय क्षेत्र में अवैध बहुमंजिला शॉपिंग कांप्लेक्स खड़ा कर दिया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इस अवैध शॉपिंग कांप्लेक्स के ध्वस्तीकरण का आदेश दिया है।यह आदेश लखनऊ विकास प्राधिकरण की विहित प्राधिकारी ऋतु सुहास ने दिए हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण वाद संख्या 425 / 2019 की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। आपको बता दें कुम्हार मंडी तेलीबाग क्षेत्र का घनी आबादी वाला इलाका है। यहां की सड़क काफी संकरी हैं जिस पर एक साथ दो, चार पहिया वाहन निकलने में काफी दिक्कत होती है। ऐसी स्थिति में सचिन कुमार गौड़ के अवैध बहुमंजिला व्यावसायिक कांप्लेक्स से लोगों को बहुत असुविधा हो रही थी। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इस मामले को लेकर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए विपक्षी को 16 दिनों के भीतर अवैध निर्माण गिराने का आदेश दिया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण आदेश पारित करते हुए कहा की सचिन कुमार गौड़ द्वारा व्यवसायिक कांप्लेक्स का नक्शा पास नहीं कराया गया। यह भी कहा विपक्षी द्वारा निर्माण की वैधता के संबंध में कोई अभिलेखीय साक्ष्य / अनुज्ञा प्रस्तुत नहीं की गई। कहा, यह निर्माण बस्ती के बीच हैं जिसके आसपास काफी दुकानें एवं कांप्लेक्स बने हुए हैं। विपक्षी द्वारा निर्माण की वैधता के संबंध में कोई अभिलेख साक्ष्य / अनुज्ञा प्रस्तुत नहीं की गई। एलडीए ने आदेश में कहा इससे स्पष्ट है कि विपक्षी जानबूझकर विवाद को लंबित रखना चाहता है तथा वाद के निस्तारण में कोई रुचि नहीं है। एलडीए ने कहा अनाधिकृत निर्माण के नियमितीकरण हेतु शमन योजना 2020, शमन के लिए पात्रता के बिंदु संख्या 2.5 महायोजना अथवा जोनल डेवलपमेंट प्लान अथवा ले-आउट प्लान अथवा लीज़ में अंकित भू-उपयोग के विपरीत किया गया निर्माण। उक्त निर्माण शमन किए जाने की श्रेणी में नहीं है। एलडीए ने अपने आदेश में कहा कि विपक्षी द्वारा बिना स्वीकृत मानचित्र के कराए गए अनाधिकृत निर्माण एवं विकास कार्य को ध्वस्त किया जाए। विपक्षी को नियमानुसार ध्वस्त किए जाने की नोटिस जारी की जाए। विपक्षी स्वयं किए गए अनाधिकृत निर्माण एवं विकास कार्य को नोटिस प्राप्ति के 16 दिनों के अंदर हटा दें अन्यथा विकास प्राधिकरण द्वारा अनाधिकृत निर्माण को ध्वस्त कर दिया जाएगा तथा ध्वस्त करने का व्यय भार, भू-राजस्व के रूप में वसूला जाएगा।

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